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आमतौर पर ऐसी धारणा है कि डेली यूज के ऐप्स मोबाइल पर फ्री होते हैं. धारण सही भी है और ऐसा होता भी है. चाहे गूगल प्ले स्टोर हो या ऐपल का ऐप स्टोर ज्यादर जरूरी ऐप्स फ्री रहते हैं. लेकिन आने वाले समय में अगर भारतीय यूजर्स से ऐप डाउनलोड करने के पैसे लगने लगे तो ये कोई हैरत की बात नहीं होगी. रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत ऐसा पहला देश है जहां सभी विदेशी ऑनलाइन कंपनियी से गूगल टैक्स लिया जाएगा.
क्या है गूगल टैक्स
बजट में किए गए ऐलान के मुताबिक कोई शख्स या कंपनी वित्तिय वर्ष में 1 लाख रुपये से ज्यादा किसी ऐसी कंपनी को पेमेंट करते हैं जो भारत की टेक्नॉलोजी कंपनी नहीं है तो उससे ग्रॉस अमाउंट का 6% टैक्स वसूला जाता है. यह नियम तब लागू होगा जब कंपनी भारत की स्थाई नहीं होगी. अमूमन यह टैक्स टेक्नोलॉजी कंपनियों पर ही लागू होता है.
ऐप डाउनलोड करना पड़ सकता है महंगा
इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक उन सभी ऑनलाइन मल्टीनेशनल कंपनियों से 6% टैक्स वसूलेगी जो भारत से रेवेन्यू कमाते हैं. यानी अगर गूगल से टैक्स लिया गया तो असर आपके स्मार्टफोन से डाउनलोड किए गए ऐप पर भी पड़ सकता है.
रिपोर्ट्स के मुताबिक सरकार इस टैक्स का दायरा कई चरणों में बढ़ाने की तैयारी कर रही है. इकोनॉमिक टाइम्स ने सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट पब्लिश की है जिसमें कहा गया है, ‘पहले यह तय हुआ था कि इस साल के दिसंबर महीने से यह टैक्स गूगल और ऐपल से खरीदे गए ऐप्स पर भी लागू होगा. हालांकि दूसरे रेग्यूलेटरी बदलाव की वजह से इसे आगे के बढ़ा दिया गया था’
मौजूदा दौर में किसी भी देश में ऐसा प्रावधान नहीं है. भारत पहला ऐसा देश है जहां ऐसे टैक्स का प्रावधान हैं. इससे उन बिजनेस पर प्रभाव पड़ता है जो अपने प्रोडक्ट्स के प्रचार के लिए गूगल, फेसबुक और अमेजॉन जैसी ऑनलाइन विदेशी डिजिटल कंपनियों पर अपना प्रचार करती हैं.
बढ़ाया जा सकता है इसका दायरा
चूंकि गूगल जैसी विदेशी कंपनियां कई बार स्थाई न होने की वजह से टैक्स से बच जाती हैं. हालांकि भारत में पैसे कमाने के मामले में वो देश की कंपनियों से भी आगे निकल जाती हैं. इसलिए सरकार ने ऐसे टैक्स का प्रवाधान किया था. लेकिन यही टैक्स आने वाले समय में यूजर्स के लिए मुसीबत का कारण भी बन सकता है. एक्सपर्ट्स का मानना है कि इसकी वजह से गूगल टैक्स दूसरी कंपनियों जैसे अमेजॉन, माइक्रोसॉफ्ट और ऐपल से भी लिया जा सकता है.