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किसी पार्टी की ओर से चुनावी घोषणा पत्र को किस्तों में जारी करना अनोखी बात है. पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए आम आदमी पार्टी (AAP) ने शुक्रवार को सातवां चुनाव घोषणापत्र जारी किया. ये घोषणापत्र कमोबेश कांग्रेस, बीजेपी और शिरोमणि अकाली दल की ओर से पहले जारी हो चुके घोषणापत्रों के वादों की खिचड़ी ही लगता है.
दिलचस्प यह है कि AAP पहले कांग्रेस पर अपने घोषणापत्र की नकल करने का आरोप लगा चुकी है. लेकिन हकीकत में AAP ने खुद ही कांग्रेस सहित अपने प्रतिद्वंद्वी दलों के चुनाव घोषणापत्रों की नकल कर डाली है. AAP ने मुफ्त लैपटॉप बांटने का आइडिया अकाली दल के चुनाव घोषणापत्र से उड़ाया है. सिर्फ बदलाव यह है कि अकाली दल ने 12वीं क्लास के छात्रों को मुफ्त लैपटॉप देने का वादा किया है, तो वहीं AAP ने सरकारी स्कूलों में नौवीं क्लास से ऊपर के छात्रों को लैपटॉप देने का वादा किया है. अकाली दल ने प्लस 2 के छात्रों को डेटा कॉर्ड देने का भी वादा किया है. तो वहीं कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में 50 लाख बेरोजगार युवाओं को स्मार्टफोन्स देने की बात कही है. AAP ने गावों में जो वाईफाई देने का वादा किया है, वो भी पहली बार नहीं किया गया है. ये वादा अकाली दल अपने चुनाव घोषणापत्र में पहले ही कर चुका है.
कैप्टन ने AAP को बताया 'कॉपी-कैट'
कांग्रेस से कैप्टन अमरिंदर सिंह ने घोषणापत्रों को कॉपी करने के लिए AAP पर निशाना साधा है. कैप्टन अमरिंदर ने कहा, ये सुनने में बड़ा विचित्र लगता है कि उन्होंने अपनी चोरी को छिपाने का भी कोई प्रयास नहीं किया. AAP ने बस हमारे विचारों को कॉपी पेस्ट किया है. मुझे पूरा विश्वास है कि AAP के चुनाव घोषणापत्र का भी वही हश्र होगा, जैसा कि इसने दिल्ली में चुनाव से पहले मुफ्त वाईफाई देने का वादा किया था.
अकालियों की 'आटा-दाल' योजना के सभी हिमायती
वहीं AAP के पंजाब प्रभारी संजय सिंह ने घोषणापत्र जारी करते हुए कहा कि उनकी पार्टी अकाली दल की ओर से शुरू की गई 'आटा-दाल' योजना को जारी रखेगी. AAP ने इस योजना का ना तो नाम बदलने का संकेत दिया और ना ही इसमें अन्य कोई खाद्य वस्तु जोड़ने की बात कही.
कांग्रेस और AAP, दोनों ही इस लोकलुभावन सब्सिडी वाली योजना को जारी रखने के पक्ष में है, जिसने अकाली दल को 2012 में लाभ दिया था, खास तौर पर मालवा क्षेत्र में. कांग्रेस ने जहां योजना में चाय पत्ती को भी जोड़ा है, वहीं अकाली दल ने इस सब्सिडी वाली योजना का दायरा चावल और चीनी तक बढ़ाने का भी वादा किया है.
कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणापत्र में पूरे राज्य में गरीबों के लिए 5 रुपये में खाना उपलब्ध कराने का वादा किया है. पार्टी के मुताबिक, ये खाना 'पब्लिक किचंस' से उपलब्ध कराया जाएगा. इस वादे को AAP ने शुक्रवार को ज्यों का त्यों अपने घोषणापत्र में जगह दी.
कांग्रेस की पेंशन योजना को आप और अकाली ने किया कॉपी
इसके अलावा AAP ने सामाजिक सुरक्षा पेंशन का आइडिया भी कॉपी किया है. पहले कांग्रेस ने 1500 रुपये प्रति महीना देने का वादा किया. अकाली दल ने अपने चुनाव घोषणापत्र में इस पेंशन को बढ़ाकर 2000 रुपये प्रति महीना करने का वादा किया. अब AAP ने अपने घोषणापत्र में 2500 रुपये प्रति महीना देने का वादा किया है.
पंजाब में विधवाओं, वृद्धावस्था के लिए 500 रुपये प्रति माह पेंशन दिया जाता है. कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में पत्रकारों को भी हर महीने पेंशन देने का वादा किया. इसी कड़ी में शुक्रवार को AAP ने भी पत्रकारों को पेंशन और टॉल प्लाजा पर मुफ्त पहुंच का वादा किया.
राज्य में सबसे पहले कांग्रेस ने वकीलों के लिए चैम्बर देने का वादा किया. यहीं से हिंट लेते हुए AAP ने भी अपने चुनाव घोषणापत्र में ये वादा किया. साथ में ये भी जोड़ दिया कि नए वकीलों को 5000 रुपये प्रति महीना आर्थिक सहायता दी जाएगी.
कांग्रेस ने अपने चुनाव घोषणापत्र में एनआरआई इंटरफेस सेंटर्स बनाने और एनआरआई की समस्याओं के त्वरित निपटारे के लिए लोकपाल लाने का वादा किया. वहीं AAP ने अपने घोषणापत्र में वादा किया कि जिन एनआरआई की जमीनों पर अवैध कब्जे हैं उन्हें 15 दिन में ही हटा दिया जाएगा. इसके अलावा AAP ने चुनाव घोषणापत्र में दिल्ली के मोहल्ला क्लीनिक्स की तर्ज पर पंजाब में मुफ्त स्वास्थ्य चेकअप और मेडिकल टेस्ट सुविधाओं का वादा किया.
यहां कांग्रेस और बीजेपी ने हर घर में एक रोजगार देने का वादा किया. वहीं अकाली दल ने 20 लाख रोजगार सृजन की बात कही, तो AAP ने इसे बढ़ाकर 25 लाख रोजगार के अवसर पैदा करने का वादा किया.
दलितों को लुभाने की कोशिश में सभी
आबादी के अनुपात के हिसाब से पंजाब में देश के सभी राज्यों से ज्यादा दलित वोटर्स हैं. AAP ने पंजाब में चुनाव जीतने के बाद उपमुख्यमंत्री दलित समुदाय से ही बनाने का वादा किया है. साथ ही दलित समुदाय के लोगों की उत्पीड़न की शिकायतों की जांच के लिए आयोग बनाने का भी वादा किया है. कांग्रेस और अकाली दल ने दलितों को घर और प्लॉट देने की बात अपने चुनाव घोषणापत्रों में कही है.
इसके अलावा बीजेपी ने आतंकवाद से प्रभावित हर परिवार को 5 लाख रुपये देने का वादा किया है. वहीं AAP ने 1984 के दंगों से प्रभावित हर परिवार को 5 लाख रुपये देने की बात कही है.
AAP के पंजाब प्रभारी संजय सिंह ने कहा, 'हमने जो भी वादा किया है वह हकीकत में बदलेगा. हम ट्रांसपोर्ट, केबल और रेत माफिया को खत्म कर देंगे जो कि राज्य के राजस्व का बड़ा हिस्सा चट किए जा रहे हैं. कांग्रेस की ओर से हर घर को जॉब देने का वादा कभी हकीकत में नहीं बदल सका. अकाली दल ने भी उन वादों को दोहराया है जिन्हें वो लगातार दो कार्यकाल में भी पूरा नहीं कर सका.'