
भारतीय सेना में सर्वोच्च रैंक तक पहुंचने का सपना शायद हर सिपाही का हो, पर यहां तक पहुंचना आसान बात नहीं है. इसका अंदाज इसी बात से लगता है कि अब तक केवल तीन लोग ही इस सर्वोच्च रैंक तक पहुंच सके हैं.
क्या है ये रैंक
भारतीय सेना में इसे फील्ड मार्शल का रैंक कहा जाता है. ये फाइव स्टार जनरल ऑफिसर पद होता है. फील्ड मार्शल का पद जनरल से ऊपर होता है.
क्या होती है सुविधाएं
फील्ड मार्शल का रैंक आजीवन के लिए होता है. रिटायरमेंट से इसका कोई लेना-देना नहीं. मृत्यु होने तक इसी पद पर व्यक्ति बना रहता है. इसका मतलब ये है कि इस पद पर पहुंचे लोग पेंशन नहीं लेते क्योंकि जीवित रहने तक उन्हें पूरी सैलरी दी जाती है. अन्य आर्मी अफसरों की तरह, फील्ड मार्शल को किसी भी ऑफिशियल समारोह पर पूरी यूनिफॉर्म में आना होता है.
अभी तक इस रैंक को थल सेना में केवल दो लोगों को दिया गया है. एक का नाम है सेम मानेकशॉ. इनका निकनेम सैम बहादुर था. दूसरा नाम केएम करियप्पा का है. ये इंडियन आर्मी के पहले कमांडर इन चीफ भी थे.
इंडियन एयर फोर्स: सर्वोच्च रैंक होता है मार्शल
आर्मी के फील्ड मार्शल की तरह एयरफोर्स में सबसे ऊंचा रैंक मार्शल का होता है. ये रैंक आज तक केवल एक ही व्यक्ति को मिला, जिसका नाम है अर्जन सिंह.
इसे आर्मी के फील्ड मार्शल और एयरफोर्स के मार्शल पद के बराबर रैंक माना जाता है. ये रैंक आज तक देश में किसी को नहीं मिल सका है.