
दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र सियाचिन ग्लेशियर में तैनात होने वाले सेना के जवानों को भारी बर्फबारी और मौसम की मार से बचने के लिए एक अत्याधुनिक किट दी जाएगी. इस किट में 1.5 लाख रुपये के उपकरण शामिल किए गए हैं, जो जवानों को तापमान के माइनस में जाने और बर्फीले तूफान में जीवन प्रदान करने में मददगार साबित होगा.
सेना ने जवानों के लिए इस तरह के 1 लाख किट खरीदे हैं. ये किट सियाचिन ग्लेशियर में तैनाती के दौरान जवानों को दिया जाएगा. जनवरी के दूसरे सप्ताह में सियाचिन यात्रा के दौरान सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने किट और उसके उपकरणों की बारीकी से जांच की थी.
सैनिकों को दी जाने वाली इस व्यक्तिगत किट के सबसे महंगे हिस्से में बहुस्तरीय परतों के साथ तैयार किए गए सर्दियों के कपड़े हैं जिनकी कीमत करीब 28,000 रुपये है, साथ ही इस किट में एक विशेष स्लीपिंग बैग भी है जिसकी कीमत लगभग 13,000 रुपये है.
किट में मौजूद जैकेट और सैनिकों के विशेष दस्ताने की कीमत लगभग 14,000 रुपये है, जबकि जूते की कीमत लगभग 12,500 रुपये है.
सैनिकों को दिए जाने वाले उपकरणों में मौजूद ऑक्सीजन सिलेंडर की कीमत 50,000 रुपये है. ये ऊंचाई पर ऑक्सीजन की मात्रा के कम होने की स्थिति में बेहद उपयोगी साबित होगा.
साथ ही सैनिकों को हिमस्खलन पीड़ितों का पता लगाने के लिए उपकरण और गैजेट्स भी दिए गए हैं जिनकी कीमत लगभग 8,000 रुपये है. बता दें कि ग्लेशियर में समय-समय पर भारी बर्फबारी और हिमस्खलन का सामना करना पड़ता है.
पाकिस्तान की तरफ से होने वाली हरकतों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए भारत पिछले तीन दशकों से सियाचिन ग्लेशियर पर सेना की तैनाती कर रहा है. सेना के जवान यहां 17,000 फीट से लेकर 22,000 फीट की ऊंचाई पहरे में तैनात रहते हैं.
बता दें कि पाकिस्तानी ने सियाचिन ग्लेशियर क्षेत्र का एक महत्वपूर्ण हिस्सा चीन को सौंप दिया है. भारतीय सेना समझती है कि यह क्षेत्र रणनीतिक रूप से दुश्मन पर नजर बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है.