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मानहानि केस: जेटली का केजरीवाल पर आरोप, अब तक नहीं पूछे सही सवाल

जेटली ने कोर्ट को अपना पक्ष रखते हुए कहा कि डीडीसीए को लेकर उनके कार्यकाल के दौरान डीडीसीए के फैसलों और उन पर जिस तरह के आरोप केजरीवाल और बाकी के आम आदमी पार्टी के नेताओं ने लगाए और उसके बाद उन्होंने केजरीवाल पर जो मानहानि का केस किया. उसको लेकर केजरीवाल के वकील उनसे कोई सवाल नहीं पूछते हैं.

अरुण जेटली और अरविंद केजरीवाल अरुण जेटली और अरविंद केजरीवाल
अंकुर कुमार/पूनम शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 24 नवंबर 2017,
  • अपडेटेड 8:25 AM IST

अरविंद केजरीवाल के खिलाफ किए गए मानहानि के केस में वित्त मंत्री अरुण जेटली आठवीं बार दिल्ली हाई कोर्ट मे पेश हुए. हाई कोर्ट को उन्होंने कहा कि पिछले 8 बार के उनके क्रॉस एग्जामिनेशन के दौरान केजरीवाल के वकीलों ने उनसे मानहानि से जुड़े आरोपों को लेकर कोई सवाल जवाब नहीं किए है. उनकी दिलचस्पी सिर्फ मानहानि के मामले में इस केस को और लंबा खींचने में हैं.

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जेटली ने कोर्ट को अपना पक्ष रखते हुए कहा कि डीडीसीए को लेकर उनके कार्यकाल के दौरान डीडीसीए के फैसलों और उन पर जिस तरह के आरोप केजरीवाल और बाकी के आम आदमी पार्टी के नेताओं ने लगाए और उसके बाद उन्होंने केजरीवाल पर जो मानहानि का केस किया. उसको लेकर केजरीवाल के वकील उनसे कोई सवाल नहीं पूछते हैं.

सुनवाई के दौरान अरुण जेटली ने बीजेपी से निष्कासित किए गए कीर्ति आजाद के उस बयान को भी गलत बताया, जिसमें डीडीसीए की स्पोर्ट्स कमेटी से जुड़े क्रिकेटिंग क्लब पर सवाल खड़े किए गए थे. जेटली ने कहा कि क्लब में सिंडिकेट बैंक की भी हिस्सेदारी थी, जिसको बैंक ने अपने एंप्लॉई को हैंड ओवर कर दिया था और कुछ वक्त बाद बैंक ने दोबारा इसे वापस भी ले लिया. जेटली का कहना था कि इसका डीडीसीए के निर्णय से लेना देना नहीं है. यह बैंक और उसके कर्मचारी के बीच की चीज थी, जिसमें डीडीसीए के अधिकारियों का कोई दखल नहीं था.

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हाई कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के नेता आशुतोष और राघव चड्ढा की कुछ अर्जियों पर जवाब देने के लिए अरुण जेटली को 2 हफ्ते का वक्त दिया है. यह अर्जी डीडीसीए की स्पेशल ऑडिट रिपोर्ट से जुड़े हुए दस्तावेजों को लेकर है ,जो 2012 से 2015 के बीच तक के हैं.

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