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किसान कर्ज माफी पर जेटली ने खड़े किए हाथ, राज्य सरकारें अपने खजाने से दें राहत

महाराष्ट्र सरकार द्वारा किसानों की दी गई कर्ज माफी पर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि जो भी राज्य सरकारें किसानों का कर्ज माफ करने का फैसला कर रही हैं, उन्हें यह काम अपने खजाने से बैंकों का भुगतान करके करना होगा. जेटली ने कहा कि केन्द्र सरकार इसके लिए राज्य सरकारों को मदद नहीं देगी.

कर्ज वसूली में दिक्कतों की समीक्षा, नए कर्ज में सुस्ती कर्ज वसूली में दिक्कतों की समीक्षा, नए कर्ज में सुस्ती
राहुल मिश्र
  • नई दिल्ली,
  • 12 जून 2017,
  • अपडेटेड 9:33 AM IST

महाराष्ट्र सरकार द्वारा किसानों की दी गई कर्ज माफी पर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि जो भी राज्य सरकारें किसानों का कर्ज माफ करने का फैसला कर रही हैं, उन्हें यह काम अपने खजाने से बैंकों का भुगतान करके करना होगा. जेटली ने कहा कि केन्द्र सरकार इसके लिए राज्य सरकारों को मदद नहीं देगी.

जेटली ने कि सभी लंबित एनपीए मामलों का समाधान किया जाना समय की जरूरत है. महाराष्ट सरकार की किसान रिण माफी योजना के बारे में एक सवाल पर जेटली ने कहा कि जो भी राज्य कृषि रिण माफी करना चाहते हैं उन्हें इस कार्य के लिये धन अपने ही संसाधनों से जुटाना होगा.

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वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सरकारी क्षेत्र के बैंकों के प्रमुखों के साथ एक विशेष बैठक में बैंकिंग क्षेत्र के कारोबार की स्थिति का जायजा लेते हुए कर्ज वसूली की उनकी गंभीर समस्या के समाधान पर अहम चर्चा की. बैठक में सरकार की वित्तीय समावेश योजना की भी समीक्षा की गई.

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जेटली ने बैठक के बाद कहा कि रिजर्व बैंक दिवाला और शोधन अक्षमता कानून के नियमों के तहत उन फंसे कर्जों की सूची तैयार कर रहा है जिनका समाधान करने की जरूरत है. इसके साथ ही सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के परस्पर विलय और अधिग्रहण की संभावनाओं पर भी काम कर रही है.

वित्त मंत्री ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने 2016-17 में 1.5 लाख करोड़ रुपये का परिचालन लाभ अर्जति किया है. उन्हें ने इसे ठीकठाक बताया औार कहा कि तमाम तरह के प्रावधान किये जाने के बाद इन बैंकों का शुद्ध लाभ 574 करोड़ रुपये रहा है. जेटली ने माना कि बैंकों के रिण कारोबार का विस्तार न होना एक चुनौती बना हुआ है.

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