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जेटली ने लगाई GST की क्लास, बताया क्यों पीछे हटी कांग्रेस

टीचर बन इस पाठशाला में पहुंचे वित्त मंत्री अरुण जेटली ने दिल्ली बीजेपी के व्यापार प्रकोष्ठ के नेताओं और दूसरे कार्यकर्ताओं को एक एक करके जीएसटी के फायदे बताए और समझाया कि पूरे देश में एक टैक्स कैसे काम करेगा.

वित्तमंत्री अरुण जेटली वित्तमंत्री अरुण जेटली
कपिल शर्मा/बालकृष्ण
  • नई दिल्ली,
  • 06 जुलाई 2017,
  • अपडेटेड 11:55 PM IST

दिल्ली बीजेपी ने जीएसटी की जटिताओं को सुलझाने के लिए वित्तमंत्री अरुण जेटली को बुलाया, ताकि जीएसटी की जटिलताओं को सुलझाकर वो इस नए टैक्स से दिल्ली बीजेपी के कार्यकर्ताओं और व्यापारी नेताओं को रूबरू करा सकें. तालकटोरा स्टेडियम में दिल्ली बीजेपी ने दिल्ली संबोधन नाम से एक कार्यक्रम किया, जिसमें जीएसटी से जुड़ी आशंकाओं और जानकारियों को लेकर वित्त मंत्री की पाठशाला लगाई गई. 6 जुलाई को जनसंघ के नेता श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती होती है जिस वजह से मंच पर श्यामा प्रसाद मुखर्जी की बड़ी सी तस्वीर लगी हुई थी.

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टीचर बन इस पाठशाला में पहुंचे वित्त मंत्री अरुण जेटली ने दिल्ली बीजेपी के व्यापार प्रकोष्ठ के नेताओं और दूसरे कार्यकर्ताओं को एक एक करके जीएसटी के फायदे बताए और समझाया कि पूरे देश में एक टैक्स कैसे काम करेगा. जेटली के मुताबिक पहले देशभर में व्यापार के लिए 17 टैक्स का झमेला होता था और इस पर 23 तरह के उपकर यानी सेस लगाए जाते थे, लेकिन जीएसटी आने के बाद अब पूरे देश में एक तरह का ही टैक्स लगेगा. जेटली के मुताबिक जीएसटी की सबसे बड़ी कामयाबी इसकी सरल प्रक्रिया है. जो व्यापारियों के लिए भी आसान है और ग्राहकों के लिए तो फायदेमंद है ही.

अरुण जेटली के मुताबिक देश में सभी राज्यों ने इस जीएसटी पर अपनी सहमति दी है और एक हजार से ज्यादा वस्तुओं की कीमतों पर भी रजामंदी दी है. ऐसा पहली बार हुआ है जब पूरे देश की सरकारें इतनी बड़ी लिस्ट पर आम सहमति दे रही हों. जेटली के मुताबिक जीएसटी के जरिए देश का आर्थिक एकीकरण हुआ है.

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जेटली के जीएसटी ज्ञान को सुनने के लिए बीजेपी ने दिल्ली भर से अपने कार्यकर्ताओं को तो बुलाया ही था, इसके अलावा दिल्ली के सांसद और केंद्रीय मंत्री भी इसमें शामिल हुए. दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष मनोज तिवारी के मुताबिक अब जिन कार्यकर्ताओं ने जेटली से जीएसटी की बारीकियां सीखी हैं उन्हें लेकर वो अपने अपने इलाके में लोगों को भी समझाएंगे ताकि जीएसटी को लेकर जो आशंकाएं बनी हुई हैं उन्हें दूर किया जा सके.

इसीलिए जीएसटी से पीछे हट गई कांग्रेस

पूरे देश में जीएसटी लागू होने की खुशी अरुण जेटली के चेहरे पर साफ दिख रही थी और उन्होंने अपने भाषण में कहा कि राजनीतिक रूप से भारत पहले ही एक हो गया था लेकिन अब जम्मू-कश्मीर समेत पूरे देश में एक देश एक टैक्स लागू होने के बाद आर्थिक एकीकरण भी हो गया है. जेटली ने कहा कि जीएसटी की व्यवस्था ऐसी है कि अगर कोई राज्य इससे अपने आप को अलग रखता तो उसे इसका नुकसान उठाना पड़ता और वहां पर चीजें बाकी देश की तुलना में महंगी हो जातीं.

जीएसटी की कल्पना से इसे लागू होने के लंबे सफर के बारे में विस्तार से बताते हुए जेटली ने कहा कि अब पूरे देश में व्यापारियों को सिर्फ एक टैक्स देना है और जगह-जगह टैक्स के नाम पर होनेवाले उत्पीड़न से वह बच सकेंगे. उन्होंने कहा कि अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग तरीके के टैक्स उत्पीड़न और भ्रष्टाचार की बड़ी वजह बन गए थे लेकिन जीएसटी के तहत और व्यापारियों को टैक्स अधिकारियों से डरने की कोई जरूरत नहीं होगी क्योंकि इसमें भ्रष्टाचार का कोई मौका ही नहीं होगा.

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कांग्रेस पर हमला बोलते हुए जेटली ने कहा कि जीएसटी बिल पास होने से लेकर जीएसटी की दरें लागू होने तक हर प्रक्रिया में कांग्रेस पार्टी के लोग शामिल थे. लेकिन जीएसटी लागू होने के वक्त कांग्रेस ने पांव पीछे खींच लिए क्योंकि शायद उन्हें डर था जीएसटी लागू होने से अफरा तफरी मच जाएगी और इसका खामियाजा सरकार के साथ होने भी भुगतना पड़ेगा. लेकिन जीएसटी लागू होने के बाद यह बात साफ हो चुकी है कि कोई अफरा-तफरी नहीं मची है और सब कुछ बेहद ही आसान तरीके से चल रहा है.

 

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