
अरुण जेटली पर बीजेपी का भरोसा बढ़ता जा रहा है. वित्त और रक्षा मंत्रालय जैसे दो बड़े मंत्रालय का भार होने के बावजूद उन्हें गुजरात विधानसभा चुनाव की जिम्मेदारी दे दी गई है. आने वाले दिनों में गुजरात , कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश में चुनाव होने हैं. ऐसे में भारतीय जनता पार्टी ने आगामी चुनावों के मद्देनजर तैयारियां तेज कर दी हैं. गुरुवार को कई राज्यों के चुनाव प्रभारियों की नियुक्ति की गई. मोदी की साख के लिए महत्वपूर्ण गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए वित्त मंत्री अरुण जेटली को प्रभारी बनाया गया है. वहीं बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को कर्नाटक का और थवार चंद गहलोत को हिमाचल प्रदेश का प्रभारी बनाया.
इनको भी मिली अहम जिम्मेदारी
शाह ने विधानसभा चुनावों के मद्देनजर निर्मला सीतारमण, नरेंद्र सिंह तोमर, जितेंद्र सिंह और पीपी चौधरी को गुजरात का सह प्रभारी बनाया है. यह सभी अरुण जेटली का साथ देते हुए दिखाई देंगे. कर्नाटक सह-प्रभारी पीयूष गोयल को बनाया गया है.
मोदी के बिना पहला चुनाव
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सेंटर में आने के बाद गुजरात में यह पहला विधानसभा चुनाव होगा. इसलिए अमित शाह ने सबसे भरोसेमंद व्यक्ति अरुण जेटली को गुजरात का प्रभारी बनाया है. गुजरात में भाजपा 2001 से सत्ता में है. गुजरात विधानसभा चुनाव में बीजेपी के लिए सिर्फ कांग्रेस की ही चुनौती बची है. गुजरात में बीजेपी को कुछ जगहों पर टक्कर देने वाला जनता दल (यू) एनडीए में शामिल हो गया है जबकि बसपा पूरे देश में अस्तित्व के संकट से जूझ रही है. हालांकि गुजरात के कुछ हिस्सों जैसे दीव नगर पालिका परिषद के चुनाव परिणाम ने बीजेपी खेमे कुछ हलचल जरूर मचा दी है, जहां जुलाई में आए नतीजों में कांग्रेस ने बड़ी जीत दर्ज करते हुए 13 में से 10 सीटों पर कब्जा जमाया था.
कांग्रेस मुक्त बनाने का जिम्मा
वहीं हिमाचल और कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार है. बीजेपी की नजर गुजरात में सत्ता कायम रखने के साथ-साथ हिमाचल और कर्नाटक को भी 'कांग्रेस-मुक्त' बनाने की होगी. कर्नाटक में साल 2018 के बीच में चुनाव संभावित है.