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अरुण जेटली बोले- देश की आर्थिक दशा सुधारने को उठाएंगे जरूरी कदम

जीडीपी की लगातार घट रही विकास दर से सरकार भी चिंतित है. बुधवार को कैबिनेट मीटिंग के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि सरकार अर्थव्यवस्था की स्थ‍िति सुधारने के लिए जरूरी कदम उठाएगी.

जीडीपी की लगातार घट रही विकास दर से सरकार भी चिंतित है. जीडीपी की लगातार घट रही विकास दर से सरकार भी चिंतित है.
विकास जोशी
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  • 20 सितंबर 2017,
  • अपडेटेड 4:28 PM IST

जीडीपी की लगातार घट रही विकास दर से सरकार भी चिंतित है. बुधवार को कैबिनेट मीटिंग के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि सरकार अर्थव्यवस्था की स्थ‍िति सुधारने के लिए जरूरी कदम उठाएगी. उन्होंने कहा कि सरकार की अर्थव्यवस्था पर नजर है और जरूरत पड़ने पर अतिरिक्त कदम उठाए जाएंगे.

सरकार प्री-एक्टि‍व है

अरुण जेटली बोले कि कैबिनेट मीटिंग के दौरान इकोनॉमी को लेकर भी चर्चा हुई है.  उन्होंने कहा कि हमारी सरकार प्री-एक्टिव है. इकोनॉमी की स्थि‍ति सुधारने के लिए जो भी जरूरी होगा, वह कदम उठाए जाएंगे. पीएम के साथ विचार-विमर्श करने के बाद फैसलों की घोषणा करेंगे. जेटली ने बताया कि  उन्होंने पिछले दिनों एक्सपर्ट और पीएमओ के अधिकारियों से चर्चा की है.

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इकोनॉमी पर है हमारी नजर

वित्त मंत्री अरुण जेटली कैबिनेट मीटिंग के बाद प्रेस को संबोधित कर रहे थे. इस दौरान इकोनॉमी को पटरी पर लाने को लेकर पूछे गए प्रश्न पर उन्होंने कहा कि हम नजर बनाए हुए हैं. हम इससे जुड़े संकेतों की तरफ भी देख रहे हैं. जरूरत पड़ने पर इसके लिए अन्य जरूरी कदम भी उठाए जाएंगे.

सुस्ती के दौर से गुजर रही है इकोनॉमी : एसबीआई रिसर्च

वित्त मंत्री अरुण जेटली का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब अर्थव्यवस्था सुस्ती के दौर से गुजर रही है. मंगलवार को एसबीआई रिसर्च की तरफ से जारी रिपोर्ट में भी इस बात की पुष्टि की गई थी. रिपोर्ट में कहा गया था कि भारतीय इकोनॉमी पिछले साल सितंबर से ही सुस्ती के दौर से गुजर रही है और सरकार को इसे पटरी पर लाने के लिए खर्च बढ़ाने की जरूरत है.

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घटी है जीडीपी की विकास दर

जीडीपी की विकास द र लगातार छठवें क्वार्टर में घटी है और यह तीन साल के सबसे निचले स्तर पर पहुंची है. जून क्वार्टर में जीडीपी 5.7 फीसदी पर थी. अमित शाह ने इसके लिए तकनीकी वजहों को जिम्मेदार ठहराया था. उन्होंने दावा किया था कि विकास दर वित्त वर्ष 2014 में एनडीए की सरकार आने के बाद 7.1 फीसदी पर पहुंची थी.

नोटबंदी और जीएसटी को ठहराया गया जिम्मेदार

विपक्षी पार्टियों और कुछ विशेषज्ञों ने जीडीपी की विकास दर में आई गिरावट के लिए नोटबंदी और जीएसटी को जिम्मेदार ठहराया. कुछ का कहना था कि इकोनॉमी को जीएसटी के हिसाब से ढलने में समय लगेगा और आने वाले समय में इकोनॉमी पटरी पर लौटेगी.

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