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जेटली बोले- आतंकियों को जिंदा पकड़ने की कोशि‍शों में लंबा खिंचा ऑपरेशन पठानकोट

जेटली ने रविवार को कहा कि आतंकी एयरबेस को तहस-नहस करने की साजिश के साथ आए थे, लेकिन वह अपने मुख्य मकसद में कामयाब नहीं हो पाए.

वित्त मंत्री अरुण जेटली वित्त मंत्री अरुण जेटली
स्‍वपनल सोनल
  • नई दिल्ली,
  • 04 जनवरी 2016,
  • अपडेटेड 8:40 AM IST

पठानकोट एयरबेस में बीते 65 घंटों से अधि‍क समय के बाद भी आतंकियों के खि‍लाफ सुरक्षाबलों का ऑपरेशन लगातार जारी है. लंबे ऑपरेशन को लेकर इंटेलीजेंस इनपुट में खामियां समेत सुरक्षा रणनीति में चूक जैसे कई सवाल उठने लगे हैं, वहीं इस पर सरकार की ओर से वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सफाई दी है. मंत्री ने कहा कि आतंकियों को जिंदा पकड़ने की कोशिशों के कारण ही ऑपरेशन इतना लंबा हो गया है.

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जेटली ने रविवार को कहा कि आतंकी एयरबेस को तहस-नहस करने की साजिश के साथ आए थे, लेकिन वह अपने मुख्य मकसद में कामयाब नहीं हो पाए. आतंकवादियों की पहचान के संबंध में पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा, ‘मेरा मानना है कि अभी हम उस स्तर पर हैं जहां अभियान जारी है और इसलिए मेरे लिए इससे ज्यादा कुछ कहना उचित नहीं होगा.' जेटली ने कहा कि तलाशी अभियान में समय लग रहा है, क्योंकि वायु सैनिक अड्डा बड़े परिसर में फैला है जिसका घेरा 14 किलोमीटर का है.

पठानकोट ऑपरेशन के बाद होगा PAK से वार्ता पर फैसला
दूसरी ओर, केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान के साथ इस महीने के अंत में प्रस्तावित वार्ता पर आगे बढ़ने के बारे में भारत पठानकोट में वायु सेना के अड्डे से आतंकवादियों के सफाए के लिए चल रहे अभियान के पूरा होने के बाद ही फैसला करेगा.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की बैठक में अनेक मुद्दों के साथ आतंकवादी हमले के मुद्दे पर चर्चा होने के बाद जेटली ने मीडिया से कहा, 'मेरा मानना है कि अभियान पूरा हो जाए और उसके बाद ही सरकार ऐसे मामलों में कोई विचार कर सकती है.' जेटली से भारत-पाक वार्ता की योजना पर आतंकी हमले के असर के बारे में पूछा गया था.

विस्फोटकों की आशंका के कारण भी हो रही देरी
अरुण जेटली ने कहा कि सुरक्षा बल आतंकवादियों को एक इलाके तक सीमित करने में सफल रहे हैं और वायु सैनिक अड्डे पर किसी भी सामरिक संपत्ति को संभावित नुकसान को रोकने में कामयाब रहे हैं. धरपकड़ अभियान इसलिए लंबा हो रहा है, क्योंकि वहां विस्फोटक हो सकते हैं. जेटली ने कहा कि सुरक्षा बलों ने तत्काल कार्रवाई की. उनके मुताबिक आतंकवादी पठानकोट वायु सैनिक अड्डे पर सामरिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने के मुख्य मकसद से आए थे.

वित्त मंत्री ने कहा, 'ये कुशल प्रशिक्षित आतंकवादी थे और आत्मघाती दस्ते का हिस्सा थे. जब इस तरह के फिदायीन हमले होते हैं तो बड़ा नुकसान होने की आशंका होती है. परिसर बहुत बड़ा है.' गौरतलब है कि पठानकोट में खबर लिखे जाने तक पांच आतंकियों के मारे जाने की पुष्टि‍ हो गई है, जबकि छठे के भी ढेर होने की खबर है.

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आतंकियों की संख्या के बारे में सवाल किए जाने पर जेटली ने कहा कि इसके बारे में सुरक्षा बल के लोग घोषणा करेंगे.'

'सभी प्रतिष्ठान सुरक्षित'
जेटली ने आगे कहा कि सुरक्षा बलों ने आतंकवादियों को उसी स्थान पर घेर लिया, जहां वे घुसे थे और उन्हें प्रतिष्ठान से उचित दूरी पर रोके रखा गया. उन्होंने कहा, 'सभी प्रतिष्ठान सुरक्षित हैं. हमले के परिप्रेक्ष्य में विदेश सचिव स्तर की वार्ता को लेकर सरकार जहां विभिन्न विकल्पों पर विचार कर रही है, वहीं वित्त मंत्री वार्ता से संबंधित सवालों को टाल गए.'

बता दें कि शनिवार को हमले के बाद से मारे गए आतंकवादियों की संख्या और शहीद हुए सुरक्षा बलों की संख्या को लेकर विरोधाभासी बयान सामने आ रहे हैं. मेजर जनरल सिंह ने रविवार शाम में मीडिया से बात करते हुए कहा कि एनएसजी और सेना सहित सुरक्षा बलों ने मेडिकल और प्रशासनिक सहयोग के साथ ही भारी सैन्य बल एवं साजो सामान तैनात किया है.

'सभी कर्मी और उनके परिजन सुरक्षित'
उन्होंने कहा कि इसी तरह वायुसेना ने विमानन, निगरानी, गार्डस को इस विशेष अभियान में तैनात कर रखा है. पुलिस और खुफिया एजेंसियां ऑपरेशन को सफल बनाने के लिए मिलकर काम कर रही हैं. मेजर जनरल सिंह ने कहा, 'जैसा कि मैंने पहले बताया था कि वायुसेना अड्डे पर चल रहे अभियान की व्यापकता को देखते हुए हम जब तक अड्डे को पूरी तरह सुरक्षित नहीं कर लेते हैं तब तक अभियान चलता रहेगा. बहरहाल, मैं सूचित करना चाहता हूं कि वायुसेना अड्डे की सारी संपत्तियां सुरक्षित हैं और कर्मी तथा उनके परिजन भी सुरक्षित हैं.'

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