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अरुणाचल प्रदेश विधानसभा सील होने के बावजूद नहीं रुकी कार्यवाही, होटल में चल रहा सत्र

बुधवार को अरुणाचल प्रदेश में राजनीतिक संकट के चलते विधानसभा सील कर दी गई थी. इसके बावजूद विधायकों ने गरुवार को इसका असर काम पर नहीं पड़ने दिया. गुरुवार को प्रदेश के एक होटल में विधानसभा चल रही है.

होटल में अरुणाचल प्रदेश का विधानसभा सत्र होटल में अरुणाचल प्रदेश का विधानसभा सत्र
मोनिका शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 17 दिसंबर 2015,
  • अपडेटेड 3:37 PM IST

अरुणाचल प्रदेश में राजनीतिक संकट के बीच बुधवार को विधानसभा सील कर दी गई थी लेकिन इसके बावजूद कार्यवाही पर कोई असर नहीं पड़ा है. अब विधानसभा का शीत सत्र राज्य के एक होटल में चल रहा है. विधानसभा के बाहर धारा 144 लगा दी गई है.

कांग्रेस सरकार और बीजेपी में तनाव
दरअसल प्रदेश के राज्यपाल ने एक महीने पहले ही शीत सत्र बुला लिया था. राज्यपाल ने विधानसभा के स्पीकर को हटाने का प्रस्ताव रखने का आदेश दिया था. कांग्रेस का आरोप है कि केंद्र सरकार के इशारे पर सरकार गिराने की कोशिश की जा रही है और राज्यपाल के पद का इस्तेमाल सरकार के खिलाफ किया जा रहा है. अरुणाचल प्रदेश में सत्ताधारी कांग्रेस के कई विधायक बागी बन गए हैं. कहा जा रहा है कि ये विधायक बीजेपी नेताओं के संपर्क में हैं. इससे दोनों पार्टियों के बीच जबरदस्त तनाव है.

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संसद में भी उठा मुद्दा
मंगलवार और बुधवार को भी राज्यसभा में कांग्रेस के सांसदों ने जमकर हंगामा किया था. उनका आरोप था कि केंद्र में बैठी बीजेपी की सरकार अरुणाचल प्रदेश में सत्ताधारी कांग्रेस सरकार को गिराने की साजिश रच रही है.

राष्ट्रपति से मिली थी सोनिया गांधी
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इस मामले पर बुधवार को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात की और मामले में हस्तक्षेप करने के लिए कहा. सोनिया गांधी ने कहा, 'अरुणाचल प्रदेश की सरकार को अस्थिर करने की कोशिश की जा रही है.'

कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा, 'राज्य स्तर पर राज्यपाल की जिम्मेदारी है कि वो संविधान की रक्षा करें. लेकिन केंद्र सरकार के द्वारा राज्यपाल से असंवैधानिक चीजें करवाई जा रही हैं. राज्यपाल ने खुद ही विधानसभा का सत्र बुलाया. आदेश दिया कि डिप्टी स्पीकर इसकी अध्यक्षता करेंगे और एजेंडा होगा स्पीकर को हटाना. ये संविधान के खिलाफ है क्योंकि डिप्टी स्पीकर बीजेपी के संपर्क में है. कानून-व्यवस्था प्रदेश का मुद्दा बन गया है लेकिन राज्य सरकार की जानकारी के बिना पार्लियामेंट्री फोर्स बुला ली है.'

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