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मानहानि के केसों में उलझे दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने माफी डिप्लोमेसी का सहारा लिया है. केजरीवाल ने पंजाब के पूर्व मंत्री बिक्रम मजीठिया से लिखित माफी मांगी है. केजरीवाल ने अपने माफीनामे में कहा कि आरोप बेबुनियाद थे मुझे खेद हैं लेकिन इस माफीनामे पर वो अपने ही घर में घिर गए.
पंजाब विधानसभा जीतने के लिए दिल्ली मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पंजाब के तत्कालीन मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया को पानी पी-पीकर कर कोसा था. हर रैली हर मंच में आरोप जड़े. चंडीगढ़ में घेरा, जांलधर में घेरा, अमृतसर में घेरा, मजीठा में भी घेरा. यहां तक कि पंजाब में आम आदमी की सरकार बनने पर जेल में डालने की हुंकार भी भरी थी.
लेकिन साल भर बाद ही केजरीवाल पलटी मार गए थे, कोर्ट में मानहानि का केस इस कदर भारी पड़ा कि माफी मांगने की नौबत आ गई. ऐसा पहली हुआ जब किसी मुख्यमंत्री ने लिखित माफीनामा दिया हो.
पंजाब के पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया गुरुवार को हाथ में केजरीवाल की चिट्ठी लहराते हुए प्रेस कॉन्फ्रेंस में आए. और ऐलान किया कि उन संगीन आरोप लगाने वाले केजरीवाल ने माफी मांग ली है.
अकाली नेता ने केजरीवाल और आप नेताओं के आरोपों पर मानहानि का केस किया था. केजरीवाल के साथ-साथ संजय सिंह और आशीष खेतान भी कोर्ट में घसीटा था. लेकिन केजरीवाल की माफीनामे पर उन्होंने बड़ा दिल दिखाया ...और एक झटके में सभी को माफ कर दिया.
मजीठिया अकाली सरकार में ना सिर्फ पावरफुल मंत्री थे. बल्कि उनकी बादल परिवार से रिश्तेदारी भी थी, डिप्टी सीएम रहे. सुखबीर सिंह की पत्नी हरसिमरत कौर उनकी बहन हैं यही वजह है कि केजरीवाल ने पंजाब चुनाव में मजीठिया पर निशाना साधा. लेकिन इस कड़ी में वो इस कदर दहलीज लांघ गए कि मामला कोर्ट तक पहुंच गया और उन्हें झुकना पड़ा और माफी मांगनी पड़ी.
मजीठिया ने तो एक झटके में दिल्ली के मुख्यमंत्री को माफ कर दिया लेकिन आरोप लगाकर कर माफी मांगने का अंदाज उनके अपने ही लोगों को रास नहीं आ रहा है. पहले से नाराज चल रहे कुमार विश्वास ने तीखा तंज कसा, तो पंजाब के विधायकों ने जनता का अपमान करार दिया. अब शुक्रवार को भगवंत मान ने पंजाब पार्टी अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया और संजय सिंह भी केजरीवाल के खिलाफ खड़े हुए.
मजीठिया को लिखी माफी की चिट्ठी को आम आदमी पार्टी की पंजाब यूनिट भी पचा नहीं पा रही है. पंजाब विधानसभा में आम आदमी पार्टी के नेता सुखपाल सिंह खैरा ने कहा कि माफी से पहले केजरीवाल ने कोई चर्चा नहीं की. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि इससे जनता के बीच गलत संदेश जाएगा.
दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने ये आरोप केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली के खिलाफ भी लगाया था और इस आरोप को लेकर भी वो कोर्ट का चक्कर काट रहे हैं. जेटली ने केजरीवाल और आप नेताओं- कुमार विश्वास, आशुतोष, संजय सिंह, राघव चड्ढा और दीपक वाजपेयी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज कर 10 करोड़ रुपये की क्षतिपूर्ति मांगी है.
मामला 2015 से ही चल रहा हैं अब कयास लगाए जा रहे हैं कि केजरीवाल जेटली से भी चिट्ठी लिखकर माफी मांग सकते हैं. मजीठिया से केजरीवाल के माफीनामे के बाद आप प्रवक्ता के बयान से इस कयास को और हवा मिली.
केजरीवाल अब सरकार में हैं, पार्टी के सबसे बड़े चेहरे हैं. और अब चुनाव का मौसम आने वाला है सालभर बाद 2019 में लोकसभा चुनाव भी है. ऐसे में ना तो पार्टी और ना ही केजरीवाल चाहते हैं कि कोर्ट केस में यूं ही फंसे रहे, कोर्ट का चक्कर लगाते रहे. ऐसे में माफी से बेहतर कोई मंत्र नहीं है वो झुककर केस से भी बच जाएंगे. और लोगों को संदेश भी दे देंगे कि वो अब अड़ियल नहीं रहे, उन्हें सच के आगे झुकना भी आता है और इससे उन्हें परहेज नहीं है.