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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मानहानि मामले में अकाली दल के वरिष्ठ नेता बिक्रम सिंह मजीठिया से माफी मांग ली है. केजरीवाल के इस फैसले का उनकी पार्टी के ही कई बड़े नेताओं ने विरोध किया है. पार्टी नेता कुमार विश्वास और पंजाब पार्टी यूनिट ने अरविंद केजरीवाल के खिलाफ तीखी टिप्पणी का उपयोग किया है. सूत्रों की मानें, तो केजरीवाल अपने बाकी बचे मानहानि के मामलों में भी माफी मांग सकते हैं.
क्या जेटली से भी माफी मांगेंगे केजरीवाल?
मानहानि केस में सबसे बड़ा मामला अरविंद केजरीवाल बनाम अरुण जेटली का है. अरुण जेटली ने केजरीवाल के अलावा के आशुतोष, कुमार विश्वास, संजय सिंह, राघव चड्ढा और दीपक बाजपेयी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा किया था. AAP के नेताओं ने DDCA में अरुण जेटली के अध्यक्ष रहने के दौरान भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था, जिस पर अरुण जेटली ने 10 करोड़ रुपये की मानहानि का दावा किया है.
दोनों के बीच बढ़ी है तल्खी!
बता दें कि केजरीवाल की ओर से इस मामले में वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी ने पैरवी की थी. सुनवाई के दौरान राम जेठमलानी ने जेटली के लिए धूर्त शब्द का प्रयोग किया था. इस मुद्दे पर काफी हंगामा हुआ था, हालांकि कुछ समय बाद ही राम जेठमलानी इस केस से पीछे हट गए थे.
अभी जनवरी में राजधानी दिल्ली में हुई जीएसटी काउंसिल की बैठक में अरुण जेटली और अरविंद केजरीवाल साथ नज़र आए थे. दोनों एक साथ बात करते हुए देखा गया था. दोनों नेताओं की तस्वीर सोशल मीडिया पर काफी चर्चा में रही थी.
गडकरी ने भी किया था मानहानि केस
दिल्ली सीएम ने 2014 में बीजेपी अध्यक्ष रहे नितिन गडकरी पर भी आरोप लगाए थे. केजरीवाल ने गडकरी का नाम सबसे भ्रष्ट नेताओं की लिस्ट में जारी किया था. जिसके बाद गडकरी ने उनपर मानहानि का केस दायर किया था. इस मामले में मजिस्ट्रेट कोर्ट ने केजरीवाल के खिलाफ फैसला सुनाया था, जिसके बाद केजरीवाल मामले को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट पहुंचे थे. हालांकि, 2015 में केजरीवाल ने दिल्ली हाईकोर्ट से मामला वापस ले लिया था.
क्यों मांग रहे माफी?
आम आदमी पार्टी सूत्रों के मुताबिक अरविंद केजरीवाल अपने खिलाफ चल रहे मानहानि के सभी मामलों में संबंधित नेताओं से माफी मांगेंगे. इसी क्रम में केजरीवाल ने मजीठिया से माफी मांगी है. आम आदमी पार्टी का कहना है कि कोर्ट के मामलों के चलते दिल्ली के मुख्यमंत्री का काफी समय बर्बाद हो रहा है. साथ ही आम आदमी पार्टी और व्यक्तिगत तौर पर मुख्यमंत्री के संसाधन बर्बाद हो रहे हैं.