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नोटबंदी और GST से छोटे काम धंधे चौपट, 25% नौकरियां भी गईं: केजरीवाल

केजरीवाल ने हाल ही में मेट्रो के किराए में हुई बढ़ोतरी पर भी जमकर हल्ला बोला. केजरीवाल ने कहा कि लोग उन पर लड़ने का आरोप लगाते हैं और ऐसे में उन्होंने गूगल हैंगआउट के दौरान यह पूछा कि मेट्रो के किराए के खिलाफ मैं लडूं या ना लड़ूं?

दिल्ली सीएम केजरीवाल दिल्ली सीएम केजरीवाल
प्रज्ञा बाजपेयी/आशुतोष मिश्रा
  • नई दिल्ली,
  • 22 अक्टूबर 2017,
  • अपडेटेड 9:36 PM IST

दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल ने नोटबंदी के बाद जीएसटी को लेकर केंद्र सरकार पर एक बार फिर हमला बोला है. रविवार की शाम गूगल हैंगआउट पर पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए केजरीवाल ने कहा कि नोटबंदी और जीएसटी के वजह से छोटे-छोटे काम धंधे खत्म हो गए, कई लोगों की फैक्ट्रियां बंद हो गईं और लगभग 25 फ़ीसदी लोगों की नौकरियां चली गईं. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि, "जीएसटी को लेकर लोगों के बीच बहुत बड़ी दुविधा है कि आखिर यह लागू कैसे होगा क्योंकि इसमें टैक्स बहुत ज्यादा है और पेचीदीगियां बहुत ज्यादा हैं. लोग सवाल पूछ रहे हैं कि काम करें या रिटर्न भरें ."

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गूगल हैंगआउट के संबोधन में केजरीवाल ने कहा कि, "मैं कई लोगों को जानता हूं जिनकी फैक्ट्रियां बंद हो गईं. बवाना और वजीरपुर औद्योगिक इलाकों में 25% रोजगार कम हो गए हैं. 25% लोगों को नौकरियों से निकाल दिया गया है."

बढ़ती बेरोजगारी को लेकर केजरीवाल को कानून व्यवस्था के बिगड़ने का खतरा भी सताता रहा है. कल केजरीवाल ने कार्यकर्ताओं से संवाद के दौरान कहा कि अगर इसी तरह नौकरियां जाती रहीं तो लोग लूटपाट पर उतर सकते हैं और ऐसे में मौजूदा पुलिस के सामने बढ़ते अपराध से निपटना और भी मुश्किल हो सकता है. केजरीवाल ने कहा कि, "बहुत बड़े स्तर पर लोगों की नौकरियां जा रही हैं. नौकरियां जाने से कानून व्यवस्था की स्थिति उत्पन्न हो सकती है. अगर लोगों के पास नौकरियां नहीं होंगी तो पेट भरने के लिए लूटपाट पर उतर सकते हैं. मौजूदा अपराध और सामाजिक बुराइयों से लड़ने में पुलिस को दिक्कत हो रही है, ऐसे में बेरोजगारी से बढ़ने वाले अपराध को पुलिस कैसे रोक पाएगी."

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अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार से अर्थव्यवस्था में आई कमजोरी पर जल्दी से जल्दी कुछ उपाय करने की अपील की. इतना ही नहीं, बेरोजगारी से निपटने के लिए केजरीवाल ने कहा कि उन्होंने दिल्ली में स्किल डेवलपमेंट सेंटर खोलने का निर्णय लिया है. अंकित पाल के मुताबिक, उनकी सरकार दिल्ली में 70 स्किल सेंटर खोलेगी और एक साल के भीतर 25 स्किल सेंटर तैयार हो जाएंगे जहां 12वीं के बाद 6 महीने से साल भर के कोर्स के बाद लोगों को छोटे-मोटे रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे.

नोटबंदी और जीएसटी ही नहीं बल्कि गूगल हैंगआउट में कार्यकर्ताओं के साथ संवाद के दौरान केजरीवाल ने हाल ही में मेट्रो के किराए में हुई बढ़ोतरी पर भी जमकर हल्ला बोला. केजरीवाल ने कहा कि लोग उन पर लड़ने का आरोप लगाते हैं और ऐसे में उन्होंने गूगल हैंगआउट के दौरान यह पूछा कि मेट्रो के किराए के खिलाफ मैं लडूं या ना लड़ूं?

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में मेट्रो का किराया बढ़ाया जाने से जनता में गुस्सा है और लोग बेहद नाराज हैं. मेट्रो क्यों बनाई थी? यह लोगों के आसान आवागमन के लिए सबसे बेहतरीन साधन है. मेट्रो को बनाया गया था लोगों को बेहतरीन सुविधा देने के लिए. मेट्रो को मुनाफा कमाने के लिए नहीं बनाया गया था."

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केजरीवाल ने कहा कि जब मेट्रो को मुनाफे के लिए नहीं बनाया गया तो अगर मित्रों को कोई घाटा होता है तो दिल्ली की सरकार और केंद्र सरकार बराबर के हिस्सेदार होने के नाते घाटा क्यों नहीं बांट सकते. केजरीवाल ने कहा कि उनकी तमाम नसीहतों और राय को केंद्र सरकार ने नहीं माना और मेट्रो के बढ़े किराए से न सिर्फ निचला तबका फल की मध्यम वर्ग पर भी इसका आसा असर पड़ रहा है.

केजरीवाल ने मेट्रो किराए में बढ़ोतरी के खिलाफ पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा विरोध प्रदर्शन की तारीफ की.

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