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उपराज्यपाल नजीब जंग से टकराव के मुद्दे पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को कांग्रेस और सीपीआई (एम) का अप्रत्याशित समर्थन मिला है.
कार्यकारी मुख्य सचिव शकुंतला गैमलिन की नियुक्ति से हुए विवाद पर दोनों पार्टियों ने कहा है कि राज्य सरकार को भरोसे में लिए बिना किसी अधिकारी की नियुक्ति वहीं की जानी चाहिए.
होना चाहिए CM की इच्छा का सम्मान: माकन
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन ने कहा मुख्यमंत्री की इच्छा का सम्मान करते हुए कार्यकारी मुख्य सचिव की नियुक्ति नहीं की जानी चाहिए थी. उन्होंने कहा कि इस तरह के टकराव से नौकरशाहों का उत्साह बुरी तरह प्रभावित होता है जो एक गहरी चिंता का विषय है. उन्होंने कहा, 'लोकतंत्र में निर्वाचित सरकार के मत का सम्मान होना चाहिए. अधिकारियों की नियुक्ति में मुख्यमंत्री का अधिकार होना चाहिए. उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री के बीच समुचित तालमेल होना चाहिए.'
हक का अतिक्रमण होना गलत: येचुरी
उधर दिल्ली चुनावों में आम आदमी पार्टी (AAP) का समर्थन करने वाली सीपीआई (एम) ने इस मुद्दे पर भी केजरीवाल का पक्ष लिया है. पार्टी महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि इस मामले में केन्द्र को राज्यों के अधिकारों का अतिक्रमण नहीं करना चाहिए.
उन्होंने कहा, 'अगर केंद्र उपराज्यपाल के जरिए राज्य सरकार के अधिकारों में अतिक्रमण करेगा और अगर वह राज्य के अधिकारों पर हमला बोलेगा तो यह गलत है. हम इसका विरोध करते हैं.'
AAP के विधायक और पार्टी की दिल्ली इकाई के सचिव सौरभ भारद्वाज ने आरोप लगाया कि उपराज्यपाल नजीब जंग केंद्र की शह पर काम कर रहे हैं. उन्होंने गृह राज्य मंत्री रिजिजू के बयान पर उन्हें आड़े हाथ लेते हुए कहा, इसका महिला के चरित्र से कोई लेना-देना नहीं है और इसका उस क्षेत्र से भी कोई लेनादेना नहीं है जहां से वह आती हैं. यह बेवकूफी की हद है कि इस तरह के मामले उठाए जाएं.