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आम आदमी पार्टी (AAP) के पूर्व विधायक राजेश गर्ग ने दिल्ली के मुख्यमंत्री और पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल पर सनसनीखेज आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा है कि केजरीवाल ने केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली और नितिन गडकरी के नाम से अपने विधायकों को फर्जी फोन करवाए और दस करोड़ रुपये तक का लालच देकर बीजेपी में आने को कहा. बाद में इसे मुद्दा बनाते हुए केजरीवाल ने कहा कि बीजेपी हमारे विधायकों को खरीदने की कोशिश कर रही है.
राजेश गर्ग ने कहा, 'सरकार बनने के शुरुआती दिनों में हमें फोन कॉल आने शुरू हो गए थे. हमें बीजेपी का समर्थन करने के बदले 10 करोड़ रुपये का ऑफर दिया गया. विधायकों ने बताया कि ये कॉल नितिन गडकरी और अरुण जेटली के यहां से आते थे. बाद में मैंने पढ़ा कि केजरीवाल कह रहे हैं कि हमें खरीदने की कोशिश हो रही है.'
'केजरीवाल के PA ने केस वापस लेने को कहा'
राजेश गर्ग ने बताया कि मैंने इसकी शिकायत दर्ज कराई और इसमें शख्स पकड़ा गया. लेकिन मुझे अरविंद केजरीवाल के पीए और संजय सिंह की ओर से फोन करके शिकायत वापस लेने के लिए कहा गया. मैं यह नहीं कह रहा कि फोन कॉल्स नितिन गडकरी के दफ्तर से नहीं आते थे. लेकिन ये कॉल केजरीवाल की सहमति से प्राइवेट नंबरों से किए जाते है. मेरे पास इसका पक्का सबूत है.
हाल ही में AAP से बर्खास्त किए गए राजेश गर्ग ने पार्टी की विवादित नेशनल काउंसिल मीटिंग पर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि यह बैठक पारदर्शिता के साथ नहीं हुई और ज्यादातर सदस्यों को वहां आने ही नहीं दिया गया. आशुतोष जैसे गैर-सदस्य वहां बैठे थे, लेकिन सदस्यों को नहीं जाने दिया गया. यहां तक कि वीडियोग्राफी का भी एडिटेड वर्जन रिलीज किया गया है.
राजेश गर्ग ही वह विधायक हैं जिनकी अरविंद केजरीवाल से बातचीत का ऑडियो टेप लीक हुआ था. इस टेप से खुलासा हुआ था कि इस्तीफा देने के बाद केजरीवाल दोबारा कांग्रेस विधायकों के बाहरी समर्थन से सरकार बनाने की कोशिश कर रहे थे. यह टेप सामने आने के बाद पार्टी ने राजेश गर्ग की प्राथमिक सदस्यता खत्म कर दी थी. 2013 चुनाव में राजेश गर्ग रोहिणी से विधायक चुने गए थे लेकिन 2015 के चुनाव में पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया था.