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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल 27 अगस्त को पटना में नीतीश कुमार के साथ मंच साझा करेंगे. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, वह यहां बिहार सरकार के 'गुड गवर्नेंस' कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे और इसी विषय पर बोलेंगे.
कागजी तौर पर चाहे जो हो, लेकिन विधानसभा चुनावों के मद्देनजर इसे विशुद्ध राजनीतिक दोस्ती माना जा रहा है. केजरीवाल ने अब तक खुले तौर पर नीतीश के लिए वोट नहीं मांगे हैं, लेकिन अपनी पक्षधरता इशारों में तो जता ही दी है.
प्रशांत-योगेंद्र ने की आलोचना
केजरीवाल के इस कदम की उनके पुराने सहयोगी आलोचना कर रहे हैं. स्वराज अभियान चलाने वाले पूर्व
AAP नेता प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव ने केजरीवाल के इस फैसले के खिलाफ ट्वीट किए हैं. योगेंद्र
ने लिखा, 'नीतीश बिहार में एक करप्ट सरकार के मुखिया हैं, बिल्कुल मनमोहन और मोदी की तरह.
उनके साथ जुड़कर AAP की दिल्ली इकाई करप्शन के मुद्दे से समझौता कर रही है. दुख का दिन है.'
इस मौके पर अरविंद केजरीवाल ने PM मोदी पर निशाना साधते हुए कहा, 'मोदी से लोगों का भरोसा टूटता जा रहा है. देश के युवाओं में निराशा आ रही है.' उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं, वह उन्हें शोभा नहीं देती है.
गौरतलब है कि बीते दो महीनों में नीतीश और केजरीवाल की यह पांचवीं मुलाकात थी. नीतीश भली-भांति जानते हैं कि दिल्ली में लाखों की तादाद में बसने वाले बिहार के लोग बिहार की राजनीति में निर्णायक दखल रखते हैं और उन्हें अपने पक्ष में करने के लिए केजरीवाल एक अहम जरिया साबित हो सकते हैं. वहीं केजरीवाल को भी पता है कि दिल्ली में बिहार के लोगों की सियासी अहमियत क्या है. आखिर AAP के 12 विधायक भी पूर्वांचल के ही हैं.