
केंद्र सरकार ने डीडीसीए मामलों की जांच के लिए दिल्ली की AAP सरकार द्वारा गठित जांच आयोग को असंवैधानिक और अवैध घोषित कर दिया है, वहीं मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को कहा है कि जांच जारी रहेगी.
मामले में त्वरित प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए केजरीवाल ने कहा कि आयोग अपनी जांच जारी रखेगा, भले ही गृह मंत्रालय ने उसे अवैध घोषित कर दिया हो. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आयोग का गठन कानून और संविधान के अनुसार किया गया है. दिल्ली के उपराज्यपाल के कार्यालय की तरफ से गुरुवार को जारी किए गए एक पत्र में कहा गया है, 'भारत सरकार के गृह मंत्रालय ने कहा है कि दिल्ली सरकार के सतर्कता निदेशालय की तरफ से जारी अधिसूचना असंवैधानिक और गैर-कानूनी है, इसलिए कानूनी रूप से इसका कोई प्रभाव नहीं होगा.'
केजरीवाल ने उपराज्यपाल, गृह मंत्रालय और प्रधानमंत्री कार्यालय से कहा कि वे अगर आयोग से असंतुष्ट हैं तो न्यायपालिका का दरवाजा खटखटाएं. इस आयोग का गठन गत 22 दिसंबर को एक अधिसूचना के जरिए किया गया था.
कोलकाता में मौजूद केजरीवाल ने ट्वीट करके कहा, 'दिल्ली सरकार द्वारा गठित डीडीसीए जांच आयोग कानून और संविधान के अनुसार है. केंद्र की राय दिल्ली सरकार पर बाध्यकारी नहीं है. आयोग अपना काम जारी रखेगा. अगर एलजी या गृह मंत्रालय या पीएमओ असंतुष्ट है तो वे अदालत का दरवाजा खटखटा सकते हैं. सिर्फ अदालत का आदेश आयोग के काम को रोक सकता है.'
उपमुख्यमंत्री ने भी किया समर्थन
केजरीवाल की राय से सहमति जताते हुए उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा, 'दिल्ली सरकार केद्र सरकार की अधीनस्थ नहीं है. केंद्र के जांच को असंवैधानिक और अवैध बताने का फैसला एक राय हो सकती है और वे आयोग को निरस्त करवाने के लिए अदालत जाने को स्वतंत्र हैं.' एक अलग प्रतिक्रिया में AAP ने दावा किया कि जांच आयोग को अवैध घोषित कर केंद्र वित्त मंत्री अरुण जेटली को बचाना चाहता है. उसने कहा कि सरकार इस बात को सुनिश्चित करने का प्रयास कर रही है कि क्रिकेट निकाय के प्रमुख के तौर पर उनके कार्यकाल के दौरान उनकी ‘भूमिका’ का पर्दाफाश नहीं हो.
गौरतलब है कि पार्टी जेटली पर डीडीसीए के प्रमुख के तौर पर उनके कार्यकाल के दौरान गड़बड़ी करने का आरोप लगा रही है. वित्त मंत्री ने अपने खिलाफ लगाए गए आरोपों को खारिज कर दिया है और शहर की एक अदालत में केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के पांच अन्य नेताओं के खिलाफ निराधार आरोप लगाने के लिए दीवानी और फौजदारी मानहानि का मुकदमा दायर किया है.