
दिल्ली की आबोहवा में जब प्रदूषण का दायरा हद से बढ़ा तो अरविंद केजरीवाल की सरकार ने ऑड इवन फॉर्मूला लागू करने का निर्णय किया. नियम को 15 दिनों के लिए ट्रायल पर लागू किया गया. तमाम आलोचनाओं और विवाद के बीच राज्य सरकार इसे पहले ही सफल करार दे चुकी है, अब मियाद पूरी होने पर दिल्ली के मुख्यमंत्री ने ट्विटर के जरिए दिल्लीवालों का शुक्रिया किया है.
इससे पहले ऑड-इवन पर प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि योजना के कियान्वयन का फैसला लेना मुश्किल था, लेकिन लोगों ने इसे सही भावना से स्वीकार किया.
ट्रैफिक पुलिस, दिल्ली पुलिस का शुक्रिया
केजरीवाल ने नियम को लागू करवाने के लिए ट्रैफिक पुलिस, दिल्ली पुलिस, मीडिया और न्यायपालिका का धन्यवाद किया. उन्होंने कहा, 'नियम से प्रदूषण कम हुआ , लेकिन लोग ट्रैफिक कम होने से ज्यादा खुश थे. सड़कें खाली दिखीं. लोग कह रहे हैं कि वे परेशानी झेलने को तैयार हैं लेकिन योजना जारी रखी जाए.' बता दें कि 01 जनवरी 2016 से लागू हुए ऑड इवन फॉर्मूले को 'आप' सरकार ने शुरुआती घंटों में ही सफल करार दिया था.
बढ़े हुए फेरे जारी रखेगी दिल्ली मेट्रो
ऑड इवन योजना के 15 दिनों तक लागू रहने के दौरान 70 अतिरिक्त फेरों की व्यवस्था करके यात्रियों को राहत देने वाली दिल्ली मेट्रो का कहना है कि वह तकरीबन इसी व्यवस्था को आगे भी बरकरार रखेगी.
इन 15 दिनों के दौरान दिल्ली मेट्रो में रोजाना औसतन 27.5 लाख सवारियों ने सफर किया, जबकि सामान्य दिनों में यह आंकड़ा 26 लाख का है. इस अवधि में मेट्रो की सवारियों में ढाई लाख तक का इजाफा हुआ. दिल्ली मेट्रो एक प्रवक्ता ने कहा, 'सम-विषम अभियान के बाद मेट्रो के फेरों की संख्या तकरीबन इसी तर्ज पर बनी रहेगी.'
सम-विषम योजना फायदेमंद: टेरी
दूसरी ओर, नीतिगत शोध से संबंधित एक संगठन ने कहा कि ऑड इवन व्यवस्था फायदेमंद है और इसे प्रदूषण कम करने के एक कदम के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है.
उर्जा एवं अनुसंधान संस्थान (टेरी) ने अपने विश्लेषण में कहा कि इस योजना के प्रभाव का फीसदी कम हो सकता है, लेकिन दिल्ली में प्रदूषण फैलाने वाले कणों के एकत्र होने की स्थिति को देखते हुए पीएम 2.5 में गिरावट काफी अहम है, क्योंकि इससे सेहत पर पड़ने वाले प्रभावों को कम करने में मदद मिल सकती है.
टेरी ने कहा कि इस योजना से कई अतिरिक्त फायदे भी हुए हैं. मसलन, सड़कों पर भीड़भाड़ कम हो गई, कारों की औसत गति बढ़ गई, ईंधन के इस्तेमाल में कमी आई और वायु प्रदूषण को लेकर जागरुकता में वृद्धि हुई. संस्था ने कहा कि सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था में सुधार करके इस योजना को और मजबूती प्रदान की जा सकती है.