
दिल्ली में सियासत की तस्वीर बदली तो अब राजनीति का रंग भी बदलने लगा है. यह जायज भी है क्योंकि इन सबके केंद्र में तथाकथित विकास की राजनीति है और गुरुवार की सुबह इस मायने में भी महत्वपूर्ण रही कि इस राजनीतिक विधा के दो पुरोधाओं ने भी मुलाकात की.
दिल्ली के भावी मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनके आवास 7-आरसीआर पर मिलने पहुंचे. 17 मिनट तक चली मुलाकात में केजरीवाल ने दिल्ली के लिए पूर्ण राज्य का दर्जा मांगा और उन्हें शपथ ग्रहण का न्योता दिया. बताया जाता है कि पूर्ण राज्य के मुद्दे पर मोदी ने कोई जवाब नहीं दिया, लेकिन दिल्ली के विकास को लेकर पूरा सहयोग करने का वादा किया.
दिल्ली के भावी डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया भी केजरीवाल के साथ थे. मुलाकात के बाद मीडिया से बात करते हुए मनीष ने बताया, 'हमने प्रधानमंत्री से कहा कि केंद्र और दिल्ली दोनों जगह पूर्ण बहुमत की सरकार है. इसलिए यह सुनहरा मौका है जब दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जाना चाहिए.'
मनीष ने बताया कि प्रधानमंत्री ने दिल्ली के विकास में पूरा सहयोग करने का आश्वासन दिया है. साथ ही, केजरीवाल के शपथ ग्रहण समारोह में आने में भी उन्होंने असमर्थता जताई. पूर्व नियोजित कार्यक्रम के तहत मोदी को 14 फरवरी को बारामती जाना है.
14 फरवरी को ऐतिहासिक रामलीला मैदान में अरविंद केजरीवाल सीएम पद की शपथ लेने वाले हैं. दिलचस्प यह भी है दोनों नेता सियासत में एक-दूसरे के धुर विरोधी हैं, लेकिन 10 फरवरी को राजधानी में सियासत की तस्वीर जैसे ही बदली प्रधानमंत्री ने खुद केजरीवाल को चाय पर आने का न्योता दिया. हालांकि मुलाकात के दौरान चाय कहीं नजर नहीं आई. गौरतलब है कि साल भर पहले केजरीवाल ने मोदी से मिलने का वक्त मांगा था, लेकिन तब मोदी ने उन्हें वक्त नहीं दिया था. दिल्ली में हालिया चुनाव प्रचार के दौरान मोदी ने केजरीवाल पर तीखे प्रहार किए थे. उन्होंने अपनी रैलियों में उन्हें जंगल जाकर नक्सलियों के साथ काम करने की नसीहत दी थी और परोक्ष रूप से 'बदनसीब' भी कह डाला था.
मुलाकातों का दौर
दिल्ली में आम आदमी पार्टी को जनता ने प्रचंड जनादेश दिया और उस जनादेश को साकार करने के लिए राजधानी की राजनीति के नए नायक अरविंद केजरीवाल मतगणना के अगले ही दिन यानी 11 फरवरी को एक्शन में आ गए. उन्होंने शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू से और फिर गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की. केजरीवाल को दिल्ली में अपनी योजनाएं लागू करने में दोनों मंत्रालयों के अहम सहयोग की दरकार है.
वहीं, गृह मंत्री राजनाथ सिंह से भी केजरीवाल ने अपनी छोटी बैठक में दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग रख दी है. यानी केजरीवाल ने मोदी से मुलाकात के पहले अपना होमवर्क कर लिया है. उन्होंने दिल्ली के हालात के पूरी जानकारी इकट्ठा कर ली है और दो केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात करके अपनी मांगे भी रख चुके हैं. ऐसे में अब जब वह देश के प्रधानमंत्री से मिलेंगे तो शायद दिल्ली के हालात के मुताबिक पुख्ता तरीके से अपनी बात रख सकेंगे.