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अतिक्रमण को हटाने के लिए झुग्गियों में रेलवे के तोड़-फोड़ अभियान और एक बच्चे की मौत के बाद आज दिल्ली सरकार और केंद्र के बीच फिर टकराव की स्थिति उत्पन्न हो गई है. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रेलवे के इस अभियान का विरोध किया है और वह चाहते हैं कि इस संबंध में हत्या का मामला दर्ज हो. देर शाम दिल्ली सरकार ने रेलवे द्वारा अतिक्रमण हटाने के दौरान कथित मौत की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए
इस मामले में बातचीत के लिए रेलवे के GM, DRM ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ बैठक की. हालांकि केजरीवाल रेलवे अधिकारियों के बयान से सहमत नहीं दिखे और रेलमंत्री से मिलने का समय मांगा है. जबकि रेलवे अधिकारियों ने अपनी रिपोर्ट रेल मंत्रालय को सौंपने की बात कही है.
We have drafted a policy which is shared with Railway Ministry, following which rehabilitation can be done-VK Jain pic.twitter.com/r5jPL3D4UC
पश्चिमी दिल्ली के शकूर बस्ती में शनिवा को इस तोड़-फोड़ अभियान को अंजाम दिया गया जिसमें करीब 1200 झुग्ग्यिों को हटाया गया. रेलवे ने इस पर स्पष्टीकरण देते हुए कहा है कि बुनियादी ढांचों के विस्तार के लिए ‘अतिक्रमण’ को हटाने के लिए यह कार्रवाई जरूरी थी. रेलवे ने कहा है कि तीन नोटिस देने के बाद तोड़-फोड़ अभियान को शुरू किया गया था जिसमें पहले नोटिस में 14 मार्च 2015 की समय सीमा दी गयी थी.
एक झुग्गी में छह महीने के एक बच्चे की मौत हो गई जिस पर रेलवे ने कहा है कि यह घटना कल दोपहर 12 बजे से तोड़-फोड़ अभियान के शुरू होने से दो घंटे पहले की है. पुलिस ने बताया कि शुरआती जांच से पता चलता है कि जब बच्चे का परिवार झुग्गी से बाहर जाने की तैयारी कर रहा था तब बच्चे पर कपड़ों का एक ढेर गिर गया जिससे उसकी मौत हो गई इसलिए इस संबंध में काई मामला नहीं बनता है.
केजरीवाल ने रेलवे पर निशाना साधा है और बेदखल हुए लोगों के लिए भोजन और आश्रय की व्यवस्था करने में विफल रहने के कारण दो सब-डिवीजनल मजिस्ट्रेट और एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी को निलंबित कर दिया है.
विवाद होने के बाद, दिल्ली डिवीजनल रेलवे मैनेजर (डीआरएम) अरुण अरोड़ा ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि बच्चे की मौत का संबंध ट्रेन के परिचालन के लिए ‘जोखिम’ बन चुके अतिक्रमण के हटाने वाले अभियान से नहीं है. झुग्गी बस्ती सुरक्षा जोन के 15 मीटर के अंदर तक बसी थी. उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने भी पटरियों को ठोस अपशिष्ट से मुक्त रखने और रेलवे को उसका स्रोत हटाना सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था. अरोड़ा ने बताया कि झुग्गी बस्ती में रहने वाले को पहला नोटिस 14 मार्च, 2015 तक खाली करने का दिया गया था. तब तोड़-फोड़ अभियान शुरू नहीं किया जा सका था क्योंकि उस समय पुलिस सहायता नहीं प्रदान कर सकी थी.
दिल्ली पुलिस ने क्या कहा
दिल्ली पुलिस ने कहा है की सामान शिफ्ट करते वक्त एक पोटली बच्ची के उपर गिर गई. जब घरवालों ने देखा तो उसे अस्पताल ले गए, लेकिन रास्ते में उसकी मौत हो गई. पुलिस फिलहाल कोई केस दर्ज नहीं कर रही है. वहीं, बच्ची की नानी ने बताया कि जिस वक्त सामान हटाने को कहा गया तब उसकी सांसें चल रही थी. बच्ची छह महीने की थी.
रेलवे ने यह भी दावा किया है कि इस कार्रवाई की जानकारी दिल्ली अर्बन शेल्टर इंप्रूवमेंट बोर्ड के अधिकारियों को पहले ही दे दी गई थी. रेलवे के मुताबिक शकूरबस्ती में नया पैसेंजर टर्मिनल बनना है और उसके लिए जमीन चाहिए. इसलिए अतिक्रमण हटाया.
केजरीवाल ने सस्पेंड किए दो SDM
केजरीवाल ने शनिवार शाम ही बस्ती का दौरा किया और बस्तीवालों से बातचीत के बाद दो एसडीएम सस्पेंड कर दिए. बस्ती से लौटकर ट्वीट भी किया और कहा कि बस्ती ढहाने वालों को भगवान कभी माफ नहीं करेगा.
केजरीवाल ने की बात, पर प्रभु चुप
केजरीवाल ने दावा किया है कि उन्होंने इस मामले को लेकर रेल मंत्री सुरेश प्रभु से भी बात की, लेकिन उन्होंने कहा है कि उन्हें इस कार्रवाई के बारे में कोई जानकारी नहीं थी. हालांकि प्रभु ने अभी तक इस मामले को लेकर आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा है.
बस्ती पहुंचने लगे सारे नेता, कांग्रेस ने CM को घेरा
रविवार को दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन बस्ती पहुंचे. उन्होंने कहा कि सरकार इन लोगों के रहने के लिए अस्थायी इंतजाम कर रही है. कांग्रेस नेता अजय माकन भी बस्ती गए और लोगों से मुलाकात की. माकन ने सवाल उठाया कि कार्रवाई 12 घंटे तक चली, केजरीवाल ने दखल क्यों नहीं दिया. उधर, केजरीवाल ने अधिकारियों के साथ बैठक भी की.
शाजिया बोलीं- ब्लेम गेम आदत हो गई
आप की पूर्व सदस्य शाजिया इल्मी ने बच्ची की मौत पर अफसोस जताते हुए कहा कि केजरीवाल को आरोप मढ़ने की आदत हो गई है. बच्ची की मौत पहले ही हो चुकी थी और वह रेलवे पर आरोप मढ़ रहे हैं. एसएडीम को सस्पेंड करने से पहले उन्हें जांच करानी चाहिए थी.