
महाराष्ट्र के सबसे बड़े बीएमसी चुनाव का चुनावी डंका बज चुका है. महाराष्ट्र में मुंबई समेत सभी दस महानगर पालिकाओं के लिए 21 फरवरी को चुनाव होगा और 23 फरवरी को वोटों की गिनती होगी.
शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में बीजेपी समेत अन्य पार्टियों पर निशाना साधा है. शिवसेना ने कहा कि मुंबई के अस्तिव की लड़ाई अब तक शिवसेना अकेली लड़ती रही है.
शिवसेना ने मुखपत्र सामना में कहा कि शिवसेना ने मुंबई की रक्षा ही नहीं की बल्कि मुबंई की सभी जातियों और धर्मबंधुओं को मातृत्व का आधार देकर उन्हें उत्तम सुविधा देने का वचन भी निभाया है. शिवसेना ने कहा कि मुबंई पर आए सकंट के समय जिन्होंने दुम दबा ली, वे मुंबई को बचाने के लिए सीने पर घाव झेलनेवाली शिवसेना के आड़े न आएं तो ही अच्छा है.
शिवसेना ने कहा कि मुंबई को लूटकर अपनी जेब भरने की परंपरा पिछले 60 सालों से भी अधिक समय से जारी है और आज भी उसका अंत नहीं हुआ है. बीजेपी पर निशाना साधते हुए शिवसेना ने कहा कि ठाणे जैसे शहरों को विकास के नाम पर केंद्र की ओर से जो कुछ भी दिया जाता है उसमें राजनैतिक स्वार्थ अधिक होता है.
शिवसेना ने पूछा कि बुलेट ट्रेन और मेट्रो ट्रेन जैसे विकास के बुलडोजर तले जो परिवार बेघर और निर्वासित होने वाले हैं उनके भविष्य का क्या? क्या उनको उनके घर मिलेगें? नोटबंदी को लेकर केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा कि नोटबंदी के कारण जो लोग नाहक़ मारे गए, क्या उसे भी विकास के नाम पर बली कहा जाए?
सामना में कहा कि कम से कम महाराष्ट्र और मुंबई में तो शिवसेना निरपराधियों को इस तरह नाहक़ कुचलने नहीं देगी. हमारी पीठ पर कितने ही वार क्यों ना हों, हमें परवाह नहीं है. शिवसैनिकों के रक्त में स्वार्थ नहीं है.
शिवसेना ने कहा, इतिहास यह कहता है कि मुंबई पर सदैव लहरानेवाला भगवा उतारने का सपना जिन्होंने देखा उनकी राजनैतिक कब्र यहीं बन गई.