
आतंकी संगठन आईएसआईएस के साथ कनेक्शन के शक में यूएई में काम कर रहे तीन भारतीय युवकों को वापस भेज दिया गया. तीनों पर इस्लामिक स्टेट के ऑनलाइन दुष्प्रचार में शामिल होने का शक है.
भारत आए वापस तीनों युवकों में से एक शेख अजहर अल इस्लाम जम्मू-कश्मीर से है. यहां की स्थानीय पुलिस ने उसकी पिछली जीवन के बारे में छानबीन शुरू कर दी है.
कश्मीर पुलिस के प्रमुख एसजेएम गिलानी ने कहा, 'हम उसकी पिछली जिंदगी और पुराने रिकॉर्ड की जांच कर रहे हैं. अभी तक उसके खिलाफ कोई पुराना मामला नहीं मिला है.'
पिछले साल गया था दुबई
अजहर गांदरबल जिले से है और उसने बीएड किया हुआ है. पुलिस सूत्रों का कहना है कि वह दुबई के किसी होटल में मैनेजर के पद काम कर रहा था. जून 2015 में वो वहां गया था. उसके पिता अब्दुल सत्तार शेख किराने की दुकान चलाते हैं. पुलिस का मानना है कि अजहर की वर्तमान स्थिति के बारे में उसके परिवार को ज्यादा पता नहीं है.
अलगाववादियों ने की आईएस की निंदा
हालांकि कुछ हफ्तों पहले अलगाववादियों ने कश्मीर में आईएसआईएस के होने को खारिज किया था. कट्टरपंथी हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के नेता सैयद अली शाह गिलानी ने इस आतंकी संगठन की निंदा करते हुए कहा था कि कश्मीर आईएस का प्रतिनिधित्व नहीं करता.
गिलानी ने कहा, 'दाइश (आईएसआईएस का दूसरा नाम) एक आतंकी संगठन है जो बेकसूर लोगों की हत्या कर रहा है और तहरीक ए तालिबान पाकिस्तान अंदरूनी रूप से पाकिस्तान को कमजोर कर रहा है. पिछले कुछ महीनों में कश्मीर में प्रदर्शनों के दौरान कुछ युवकों द्वारा आईएसआईएस का झंडा बार-बार लहराए जाने के मद्देनजर गिलानी की यह टिप्पणी आई है.
बाकी दो युवक कर्नाटक और महाराष्ट्र से
जम्मू-कश्मीर के शेख अजहर अल इस्लाम के साथ यूएई से वापस लौटे बाकी के दो युवक मोहम्मद फरहान रफीक शेख और अदनान हुसैन कर्नाटक और महाराष्ट्र से हैं. तीनों युवकों को पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया गया. कोर्ट ने उन्हें 10 दिन की एनआईए की हिरासत में भेज दिया.