Advertisement

ओवैसी की पार्टी AIMIM ने जीत हासिल कर बिहार में खाता खोला

किशनगंज विधानसभा उपचुनाव में एआईएमआईएम उम्मीदवार कमरुल ने बीजेपी उम्मीदवार स्वीटी सिंह को 10211 मतों के अंतर से हराकर चुनाव जीता. कांग्रेस तीसरे नंबर पर रही.

AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (Courtesy- PTI) AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (Courtesy- PTI)
सुजीत झा
  • पटना,
  • 24 अक्टूबर 2019,
  • अपडेटेड 10:23 PM IST

  • किशनगंज से उम्मीदवार कमरूल होदाने को मिली जीत
  • कांग्रेस को तीसरे नंबर पर धकेल कर ओवैसी की पार्टी जीती

आखिरकार असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ने बिहार में अपना खाता खोल लिया. ओवैसी 2015 के विधानसभा चुनाव से लगातार बिहार में सेंध लगाने की कोशिश में लगे थे. आखिरकार विधानसभा के उपचुनाव में किशनगंज से एआईएमआईएम के उम्मीदवार कमरुल होदा को जीत का स्वाद मिल ही गया.

Advertisement

ओवैसी की पार्टी की चुनावी जंग

ओवैसी की पार्टी ने 2015 के विधानसभा चुनाव में सीमांचल की 6 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े किए थे, लेकिन कोई खास सफलता नहीं मिली. लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव में किशनगंज में पार्टी ने अपनी ताकत जरूर दिखाई. कई बार ओवैसी के उम्मीदवार अख्तरूल इमाम गिनती में आगे रहे लेकिन अंत में तीसरे नम्बर पर संतोष करना पड़ा. उस चुनाव में कांग्रेस को एक मात्र सीट किशनगंज की मिली थी. लेकिन इस बार कांग्रेस को तीसरे नम्बर पर धकेल कर ओवैसी की पार्टी जीती हैं.

किशनगंज विधानसभा उपचुनाव में एआईएमआईएम उम्मीदवार कमरुल ने बीजेपी उम्मीदवार स्वीटी सिंह को 10211 मतों के अंतर से हराकर चुनाव जीता. कांग्रेस तीसरे नंबर पर रही. वहीं जीत से उत्साहित पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल इमान ने दस महीनों बाद होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव में सभी सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी. किशनगंज कांग्रेस की परम्परागत सीट रही है और 2009 से अब तक हर विधानसभा और लोकसभा चुनाव में कांग्रेस भारी मतों से चुनाव जीतती आई थी.

Advertisement

कांग्रेस की सबसे महत्वपूर्ण सीट

किशनगंज मुस्लिम बहुल क्षेत्र है. सीमांचल की इस सबसे महत्वपूर्ण सीट पर कांग्रेस का कब्जा हमेशा रहा है, लेकिन ओवैसी लगातार यहां का दौरा कर अपनी स्थिति को मजबूत करने में सफल रहे. किशनगंज में 70 फीसदी मुस्लिम आबादी है. यहां से बीजेपी ने अपना उम्मीदवार उतारा था, हालांकि जीत का अंतर बहुत ज्यादा नहीं है. लेकिन खास बात ये है कि आरजेडी ने अपना समर्थन यहां कांग्रेस को दिया था, जिसके बाद कांग्रेस तीसरे नंबर पर चली गई.

जाहिर है इसका असर महागठबंधन की पार्टियों पर ही पड़ रहा है और इस जीत से उत्साहित पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल इमान ने दस महीने बाद होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव में सभी सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी. इसके बाद समर्थकों ने शहर में जुलूस निकाला.

जीत के बाद बोले कमरुल

जीत के बाद एआईएमआएएम प्रत्याशी कमरुल ने इसे जनता की जीत बताया. उन्होंने कहा, 'इस बार ओवैसी के नेतृत्व में चुनाव लड़े सारे लोगों ने एकजुट होकर वोट दिया, लोगों ने उत्साह के साथ वोट दिया. मैं कोशिश करूंगा यहां के विकास को जमीन पर उतार सकूं. विकास का मुद्दा लेकर आगे बढूंगा, कोशिश करूंगा दस महीनों में जितना काम हो सके करूंगा.'

Advertisement

वहीं प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल इमान ने कहा, 'लोकतान्त्रिक व्यवस्था में परिवारवाद नहीं होना चाहिए. परिवारवाद पर हमने कामयाबी हासिल की है.'

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement