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पंचायत आज तक: ओवैसी बोले- बीजेपी और RSS मेरे दुश्मन नंबर-1, इन्हें रोकना होगा

पंचायत आज तक में MIM के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने बीजेपी और आरएसएस को अपना दुश्मन नंबर वन करार दिया. ओवैसी ने कहा कि बीजेपी और आरएसएस को रोकना हम सभी की जिम्मेदारी है. उन्होंने कहा कि मेरी पार्टी मुसलमानों की पार्टी नहीं है, लेकिन चाहता हूं कि मुसलमान और दलित एक साथ मिलकर लड़ें.

AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी
अभिजीत श्रीवास्तव
  • पटना,
  • 15 सितंबर 2015,
  • अपडेटेड 10:43 PM IST

पंचायत आज तक में MIM के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने बीजेपी और आरएसएस को अपना दुश्मन नंबर वन करार दिया. ओवैसी ने कहा कि बीजेपी और आरएसएस को रोकना हम सभी की जिम्मेदारी है. उन्होंने कहा कि मेरी पार्टी मुसलमानों की पार्टी नहीं है, लेकिन चाहता हूं कि मुसलमान और दलित एक साथ मिलकर लड़ें.

आप रहते हैं हैदराबाद में, पटना कैसे आ गए?
2005 में भी जब यहां पर रैलियां हो रही थीं तो हम यहां पांच दिन प्रचार किए थे लालू जी के लिए. बगैर लालू यादव के बुलावे के हम आए थे.

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आप बीजेपी के बुलावे पर चुनाव को पोलराइज करने के लिए आए हैं?
अगर कोई ऐसा बोलेगा तो हम उस पर मानहानि का मुकदमा करेंगे. यदि वो टेलिकास्ट हो गया है तो उसे हैदराबाद हम उन्हें इतनी बार बुलाएंगे कि उन्हें क्रिमिनल डिफेमेशन क्या होता है पता पड़ जाएगा.

लालू जी अपने समधि से क्यों नहीं बोलते. वो मंच छोड़ कर चले गए. लेफ्ट पार्टी से क्यों नहीं पूछते. आखिर क्या वजह है कि मुझे देखते ही पेट में दर्द क्यों हो जाता है. दिल्ली यूनिवर्सिटी के चुनाव में क्यों हारे. क्या मेरी वजह से?

सीमांचल में कितनी सीटें लड़ेंगे?
वहां 24 सीटें हैं. मैं वाजिब पोजिशन ले चुका हूं. पार्टी फैसला करेगी. इस तरह के इल्जाम लगाएंगे तो हमें भी सोचना पड़ेगा. बिहार की सरजमीं इज्जतदार लोगों की है. गोधरा जब जल रहा था तब इंसानियत कहां मर गई थी. मेरी नजर में मोदी आडवाणी और बीजेपी एक हैं. मेरे घर में शादी होगी तो मैं मोदी को नहीं बुलाउंगा. मेरी उनसे निजी दूरी है.

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सीमांचल एक ऐसा क्षेत्र है जहां एंटी मोदी एलायंस जीता था. अब उसी इलाके में आप जा रहे हैं. जहां इस समय बीजेपी थोड़ी कमजोर नजर आ रही है.

आप बीजेपी के साथ मिल गए हैं?
बिहार में बैकवर्ड डिविजन पूर्णिया का डिविजन लीजिए. सीमांचल बैकवर्ड है. वहां हम डेवलपमेंट चाहते हैं. मैं मुसलमान की बात कहां कर रहा हूं. यहां 17 फीसदी मुसलिम हैं तो इतने कम मुसलमान विधानसभा में क्यों हैं. इतना अंडरडेवपलममेंट क्यों हैं. नागा से कह रहे हैं, हथियार डालिए और मेनस्ट्रीम में आइये.

आपको सांप्रदायिक माना जाता है
बीजेपी और आरएसएस को रोकना हम सभी की जिम्मेदारी है. लेकिन कोई ऐसा कहेगा कि मैं ही चौधरी हूं और मेरे क्षत्रछाया में आकर लड़ो तो ये नहीं हो सकता. क्या तेलंगाना में हमने बीजेपी को नहीं रोका. ये हमारी सियासी कामयाबी है.

आप महाराष्ट्र चले जाते हैं, कर्नाटक चले जाते हैं, अब पटना में हैं, यूपी भी जाएंगे. आपकी राजनीति समझना चाहता हूं.

क्या आप एमआईएम को पैन इंडिया मुस्लिम पार्टी बनाना चाहते हैं?
मेरी पार्टी मुसलमानों कीपार्टी नहीं है.लेकिन चाहता हूं कि मुसलमान और दलित एक साथ मिलकर लड़े. 69 से देख लीजिए. सच्चर, मिश्रा, कूंडू कमेटी कहती है.

नेता बनना चाहता था हाजी मस्तान. दलित मुसलिम भाई-भाई हिंदू कौम कहां से आई ये उनका स्लोगन था. मुझमें और उनमें बहुत फर्क है. मैं अपने काम में मुस्तैद हूं. आप कहते हैं सुसाइड बॉमर हैं. कोई कहता है सांपनाथ हैं. मेरा मकसद ये है कि दलित और मुसलमानों को विकास में बराबर का योगदान मिले. योगेंद्र यादव की बात करना चाहूंगा. सोशल जस्टिस, पॉलिटिकल इमपॉवरमेंट के जरिए हम दलितों और मुसलमानों का उत्थान देखना चाहता हूं. मैं पीछ रह कर नौजवानों का साथ दूंगा. सोशल जस्टिस तो नीतीश, लालू और मोदी भी कहते हैं. उनके मिनिस्टर ने भी आठ चीजें बता दीं. पीएम की बातें, सबका साथ सबका विकास. बाम्बे हाई कोर्ट ने रिजर्वेशन दिया पीएम ने बदल दिया. अच्छा है लोग एक्सपोज हो रहे हैं

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राजनैतिक दुश्मन कौन है?
बीजेपी और आरएसएस. हिंदुस्तान की रूह . आरएसएस हिंदू राष्ट्र बनाना चाहती है.

आप कहते हैं इस्लाम खतरे में है
इस्लाम कभी खतरे में नहीं है. हम उन लोगों का मुकाबला करेंगे जो हमारा वोट लेकर हमारा ही विकास नहीं किए. सीमांचल में वोट लेकर भी उन्होंने काम नहीं किया. लालू, नीतीश, बीजेपी सभी एक ओर हैं.

धर्म-निरपेक्षता क्या है
जब 50 से ज्यादा मुसलमान एमपी होंगे. मुल्क में फसाद नहीं होंगे. इस मुल्क में किसी एक मजहब को आडियोलॉजी के तौर पर नहीं थोपा जाए. लालू प्रसाद को 1990 और 2005 के बीच में बिहार में बड़ा दंगा नहीं हुआ. हिंदुस्तान के संविधान पर आप शपथ लेते हैं. आपको हर इंसान की जान बचाना है. अगर आप ऐसा नहीं करते तो आप दोषी हैं. इनकी इतनी बुरी हालत क्यों है. ये आपको वोट क्यों नहीं डाल रहे? हैदराबाद पर बोले, हमने एक सिस्टम बनाया उससे इसमें बहुत कमी आई. मैं आपको 17-18 साल के बच्चों को दिखाऊंगा. जो पत्थर फोड़ रहे हैं. मैंने कैंपेन चलाया है चाइल्ड लेबर के खिलाफ.

सीमांचल में विकास नहीं हुआ है, चुनाव के समय ही ये ध्यान क्यों आया?
चुनाव के समय ही याद आता है न भई. हम एनजीओ तो नहीं चला रहे. पॉलिटिकल पावर मिलेगा तब ही तो सुधार के लिए काम कर सकेंगे. चाहे वो किसी भी मजहब का हो. जितने मुसलमान हैं बिहार में उतनी उनकी नुमाइंदगी नहीं है बिहार में और केंद्र में. क्या आप मुस्लिम से हटकर भी टिकट देंगे.
महाराष्ट्र, हैदराबाद, तेलंगाना में हमने दलितों को टिकटें दीं.

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क्या किसी सरकार में आप जुड़ेंगे?
मुस्तकबिल में क्या होगा मुझे नहीं पता. हम कोशिश करेंगे की बीजेपी की सरकार नहीं बने. सीमांचल के मुद्दे पर फोकस होगा. जब तक आप रोते नहीं तो मां दूध पिलाती नहीं.

सोनिया गांधी, लालू यादव अगर फोन उठाएं और आपसे कहें कि चुनाव न लड़ें तो क्या कहेंगे?
मैं पटना की जमीन की बात नहीं कर रहा हूं. मैं सीमांचल से 100 फीसदी लड़ूंगा. लास्ट मिनट कोई डील नहीं होगी.

आपका दुश्मन नंबर-1 कौन है?
फिरकापरस्ती और मौका परस्ती दोनों से बराबर खतरा है. बीमारी जब फैल जाती है तो आपको दवा देना पड़ता है. हम अपने कैंडिडेट को कामयाब करेंगे. बीजेपी को रोकना है. आप वोट ले लेंगे और सुधार, विकास का काम नहीं करेंगे. अब ये नहीं चलेगा. मेरे पास पटना एडीआरआई, इंस्टिट्युट ऑफ सोशल साइंस के डेटा हैं. सबका विकास होना चाहिए. सबको तरक्की का मौका मिलना चाहिए. 45-50 फीसदी मुसलमान कर्जों में डूबे हैं. मौका सभी को मिलना चाहिए.

क्या ये वोट बैंक की राजनीति नहीं है?
स्कूल, यूनिवर्सिटी, अस्पताल से मुल्क की तरक्की होगी. ये पॉलिटिकल पावर से हो सकता है. पॉलिटिकल इम्पावरमेंट से सब संभव है.

सीमांचल में 9 मुस्लिम विधायक हैं लेकिन उन्होंने इन इलाकों का विकास नहीं किया. क्या आप ऐसा कह रहे हैं?
कैमूर, किशनगंज में आबादी के मुताबिक स्कूल नहीं है. 11 हजार टीचर बेगुसराय में और आठ हजार टीचर अररिया में. सवाल ये है कि सीमांचल के साथ इतना सौतेला बर्ताव क्यों? बिहार के साथ ही देश के अन्य राज्यों में मुस्लिम विधायकों के इलाकों में विकास कार्य नहीं हुए हैं? सच्चर कमेटी ने कहा है कि आबादी के मुताबिक सिर्फ आंध्र प्रदेश के विधानसभा में मुसलमानों का प्रतिनिधित्व है.

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243 सीटों पर क्यों नहीं लड़ रहे हैं ओवैसी?
मैं आपके सामने आंकड़े रख रहा हूं. पूर्णियां डिविजन बिहार में सबसे पिछड़ा क्षेत्र है.

आपकी भूमिका वोटकटुआ बन कर रह जाती है तो क्या आपको इसका अफसोस रहेगा? ये इमेज बन गई है.
डिकशनरी में और भी अच्छ शब्द हैं. कांशीराम को भी इस तरह की बातें सुननी पड़ी. मैं तूफान में भी चिराग जलाऊंगा.

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बाहर के लोग आकर निकाह करना चाहते हैं वो लेटर लेकर आएं. अगर वो ऐसा नहीं कर रहे तो मैं उनकी शिकायत लेकर जाऊंगा.

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