
मुंबई में 1993 में हुए सीरियल ब्लास्ट के गुनहगार याकूब मेमन को गुरुवार सुबह फांसी दे दी गई. इस फांसी के विरोध में पहले ही झंडा बुलंद कर चुके एआईएमआइएम चीफ असदउद्दीन ओवैसी ने एक बार फिर अपने चिर-परिचित अंदाज में प्रतिक्रिया दी है.
याकूब की फांसी पर टिप्पणी करते हुए ओवैसी ने कहा, 'अब यह देखना होगा कि माया कोडनानी, बाबू बजरंगी और दिल्ली में सिखों की हत्या करने वालों को सजा कब मिलती है.' उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर निराशा जाहिर करते हुए कहा, 'याकूब मेमन पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला बेहद निराशाजनक है. मैं फैसले से निराश हूं और असहमति के साथ जजमेंट का सम्मान करता हूं.'
नरेंद्र मोदी पर साधा निशाना
आईएमआईएम प्रमुख इससे पहले ही याकूब की फांसी को लेकर सरकार पर मजहब के आधार पर अंतर करने का आरोप लगा चुके हैं. बीते दिनों उन्होंने कहा था, 'गुजरात में तत्कालीन नरेंद्र मोदी सरकार ने अभियोजन से गोधरा कांड के बाद 2002 में हुए दंगों के एक मामले में दोषी पूर्व मंत्री मायाबेन कोडनानी और बजरंग दल के नेता बाबू बजरंगी के लिए मौत की सजा का दबाव नहीं बनाने के लिए कहा था.' हैदराबाद से लोकसभा सदस्य ने सवाल किया कि क्या दंगों के दौरान हत्याएं करने के लिए जिम्मेदार लोगों को मौत की सजा नहीं होनी चाहिए?
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लमीन (एआईएमआईएम) के नेता ने आरोप लगाया कि माया कोडनानी और बाबू बजरंगी को एक अदालत ने दोषी ठहराया और उन्हें 92 लोगों की हत्या के संबंध में उम्रकैद की सजा सुनाई. अभियोजन फांसी की सजा चाहता था, लेकिन गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री ने अभियोजन से हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ अपील नहीं करने के लिए कहा और सजा उम्रकैद ही रह गई. ओवैसी ने सवाल किया कि क्या 92 लोगों को मारने वालों को मृत्युदंड नहीं मिलना चाहिए?