
अगले कुछ दिनों में भारत की रेल पटरियों पर ''ट्रेन-18'' दौड़ती नजर आएगी. कहा जा रहा है कि यह ट्रेन शताब्दी की जगह लेगी. इसे चेन्नई की आईसीएफ फैक्ट्री में तैयार किया जा रहा है.
रेलवे बोर्ड के चेयरमैन अश्विनी लोहानी ने बताया कि अक्टूबर में ''ट्रेन-18'' तैयार हो जाएगी और देशभर में चल रही शताब्दी ट्रेनों की जगह अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस इस ट्रेन को चलाया जाएगा. लोहानी ने आगे बताया, '' इसमें दो ड्राइविंग ट्रेलर कोच होंगे, जिनमें एयरोडायनेमिक ड्राइवर कैप डिजाइन की गई है. ट्रेन के अंदर 16 कोच होंगे और वैकल्पिक कोच में मोटराइज्ड इंजन की व्यवस्था की गई है. ताकि पूरी ट्रेन एक साथ तेजी से चल सके और रुक सके. ट्रेन शुरू से लेकर आखिरी तक आपस में जुड़ी होगी. इसको फुली शिल्ड गैंगवेज से जुड़ा रखा जाएगा.''
अत्याधुनिक डिजाइन और तकनीक से लैस ''ट्रेन-18'' को मॉडर्न लुक दिया गया है. इस ट्रेन में शीशे की विंडो लगाई गई है. ट्रेन के ड्राइवर के केबिन में मैनेजमेंट सिस्टम दिया गया है. इससे कैप का ड्राइवर ब्रेक कंट्रोल और ऑटोमेटेड डोर कंट्रोल को अपने नियंत्रण में रख सकेगा. इस ट्रेन के अंदर एडवांस्ड सस्पेंशन सिस्टम लगाया गया है. इस वजह से ट्रेन के अंदर बैठे मुसाफिरों को मामूली झटका भी नहीं लगेगा. इस ट्रेन के अंदर लगाया गया एयर कंडीशन सिस्टम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से लैस है.
यह जगह- जगह पर तापमान और मौसम को देखकर ट्रेन के अंदर का वातावरण तय करेगा. इस ट्रेन को विकलांग लोगों के लिए मुफीद बनाया गया है. इसमें अपनी कुर्सी समेत कोई भी दिव्यांग ट्रेन में सफर कर सकेगा. ट्रेन का इंटीरियर बेहतरीन होगा और साथ ही ट्रेन को वाईफाई और जीपीएस के साथ साथ तमाम अन्य यात्री सुविधाओं से लैस किया गया है.