
भारतीय बॉक्सर एम सी मेरीकॉम (51 किलोग्राम वर्ग) ने एशियन गेम्स में सेमीफाइनल में जीत दर्ज कम से कम सिल्वर मेडल पक्का कर लिया है. वहीं एल सरिता देवी (60 किलोग्राम वर्ग) को सेमीफाइनल में हार के साथ ब्रॉन्ज मेडल से ही संतोष करना पड़ा.
सरिता देवी इस हार के बाद रोने लगीं और जजों पर बेईमानी का आरोप लगाया. वहीं एक अन्य महिला बॉक्सर पूजा रानी (75 किलोग्राम वर्ग) को भी सेमीफाइनल में हार का सामना करना पड़ा और उनके हिस्से में भी ब्रॉन्ज मेडल आया.
इससे पहले मैरीकॉम ने फ्लाईवेट (48-51 किलोग्राम) वर्ग के फाइनल में जगह बनाई. पांच बार की वर्ल्ड चैंपियन और लंदन ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडलिस्ट मैरीकॉम ने सेमीफाइनल मुकाबले में वियतनाम की थी बांग ली को 3-0 से हराया. इसका फाइनल 1 अक्टूबर को होगा. फाइनल में मैरीकॉम का सामना कजाकिस्तान की झाएना शेकेरबेकोवा से होगा.
पूजा रानी करीबी मुकाबले में चीन की ली क्यूयान से हार गईं और उन्हें ब्रॉन्ज मेडल से संतोष करना पड़ा. लेकिन सबसे बड़ा विवाद सरिता की हार से पैदा हुआ जिससे यह मणिपुरी खिलाड़ी रोने लगी. दक्षिण कोरिया की जिना पार्क के खिलाफ बेहतर स्थिति में होने के बावजूद जजों ने राष्ट्रमंडल खेलों की सिल्वर मेडलिस्ट इस मुक्केबाज को 0-3 से पराजित घोषित कर दिया.
सरिता का शानदार 'एफर्ट'
सरिता ने अपने दनादन घूंसों से अपनी प्रतिद्वंद्वी को पस्त कर दिया, लेकिन हैरानी की बात यह रही कि अल्जीरियाई रेफरी हम्मादी याकूब खेरा ने भारतीय मुक्केबाज को एक भी ‘स्टैंडिंग काउंट’ नहीं दिया. आखिर में रिंग के बाहर के तीनों जजों ने कोरियाई के पक्ष में 39-37 से फैसला सुनाया.
इनमें ट्यूनीशिया के ब्रहम मोहम्मद, इटली के अलबिनो फोटि और पोलैंड के मारिस्ज जोसेफ गोर्नी शामिल थे. मुकाबले के तुरंत बाद पत्रकारों से बात करते हुए सरिता रो पड़ी. उन्होंने कहा, ‘मेरी सारी मेहनत बेकार चली गई. यह मेरे साथ हुआ लेकिन इस तरह का अन्याय किसी के साथ नहीं होना चाहिए. अगर वे उसे ही जितवाना चाह रहे थे तो उन्होंने मुकाबला ही क्यों करवाया?’
उनके पति और पूर्व फुटबॉलर थोइबा सिंह तो अधिक नाराज थे और वह अधिकारियों पर चिल्लाने लगे. उन्होंने कहा कि यह सीधे-सीधे धोखाधड़ी का मामला है.