
31 अगस्त को जब असम NRC की अंतिम सूची जारी हुई तो इस लिस्ट में 19 लाख लोग ऐसे थे जिनके नाम इस सूची में नहीं हैं. इन 19 लाख लोगों के पास अपनी नागरिकता साबित करने का मौका दिया जाएगा. असम सरकार ने कहा है कि जिनका नाम लिस्ट में नहीं है उन्हें घबराने की कोई जरूरत नहीं है. ऐसे लोग 120 दिन की समय सीमा के अंदर अपनी नागरिकता साबित कर सकेंगे. नागरिकता साबित करने के लिए इन लोगों को विदेशी ट्रिब्यूनल का दरवाजा खटखटाना पड़ेगा. इस वक्त असम में 100 विदेशी ट्रिब्यूनल हैं, जबकि ऐसे 200 ट्रिब्यूनल और काम करने शुरू कर देंगे.
इसी के साथ असम सरकार राज्य में डिटेंशन सेंटर बना रही है, इन डिटेंशन सेंटर में उन लोगों को रखे जाने की योजना है जिनका नाम हर संवैधानिक विकल्पों के इस्तेमाल के बाद भी एनआरसी में नहीं आएगा. समाचार एजेंसी आईएएनएस ने ऐसे ही एक निर्माणाधीन डिटेंशन सेंटर की तस्वीर जारी की है. ये डिटेंशन सेंटर असम के गोपालपुर के कदमटोला में बन रहा है. तस्वीर में ये डिटेंशन सेंटर काफी बड़ा लग रहा है. गेरुए रंग से पुते इस डिटेंशन सेंटर की दीवारें लगभग 20 फ फीट ऊंची लग रही है. यहां पर अभी कमरों को बनाये जाने का काम जारी ही है. तस्वीरों में बड़े-बड़े रुम में काम करते मजदूर दिख रहे हैं. कदमटोला गोपालपुर में ऐसे डिटेंशन सेंटर बड़ी संख्या में बनाएं जा रहे हैं.
बता दें कि NRC की अंतिम सूची में 3,11,21,004 लोगों के नाम है. लगभग 19 लाख लोगों के नाम इस लिस्ट में नहीं हैं. इन लोगों की पहचान पर संकट पैदा हो गया है.
शनिवार को असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि जिनका नाम सूची में नहीं है उन्हें जरा भी परेशान होने की जरूरत नहीं है. सीएम ने कहा कि राज्य सरकार ऐसे लोगों को सभी जरूरी मदद मुहैया कराएगी.
असम की बीजेपी सरकार ने साफ कहा है कि जिन लोगों का नाम एनआरसी की लिस्ट में है उन्हें तबतक बाहर नहीं किया जाएगा जबतक कि विदेशी ट्रिब्यूनल उन्हें अवैध आप्रवासी घोषित नहीं कर देते हैं.