
पूर्वोत्तर में आई बाढ़ से अकेले असम के 29 जिले जलमग्न है. आज तक से एक्सक्लूसिव बातचीत में असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने कहा कि भारी बारिश और ब्रम्हपुत्र नदी के बढ़े स्तर के चलते असम के 29 जिलों में बाल और भूमि कटा हुआ है. सोनोवाल ने कहा कि बाढ़ की उग्रता के चलते कई गांव पानी में डूब चुके हैं और 100 से ज्यादा छोटे-बड़े पुल नष्ट हो चुके हैं. इन इलाकों में बाढ़ के चलते लोगों का जनजीवन ठप्प पड़ गया है. उन्होंने कहा कि बाढ़ प्रभावित इलाकों में लोगों की हर संभव मदद की जा रही है.
बाढ़ के कारणों पर बोलते हुए मुख्यमंत्री सोनोवाल ने कहा कि पिछले कई दशकों में ब्रम्हपुत्र नदी में पानी को संचित करने की अपनी क्षमता रही है. जिसकी वजह से ब्रम्हपुत्र के किनारे भूमि का कटाव बड़ी तेजी से हो रहा है. इसका नतीजा है कि आसपास के इलाकों में पानी भरने लगा है. यह असम सबसे बड़ी समस्या है और सालों से चली आ रही है.
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा पिछले 3 सालों में इस समस्या से निपटने की लगातार कोशिश की जा रही है. वे बताते हैं कि प्रधानमंत्री ने सभी केंद्रीय मंत्रियों को बाढ़ ग्रस्त इलाकों में लोगों पर विशेष ध्यान देने का निर्देश दिया है. प्रधानमंत्री के निर्देश के बाद सर्दिया से लेकर धुबरी तक 800 किलोमीटर ब्रम्हपुत्र नदी के लंबे रिवर बेड में भरे रेत को जल्दी ही रिवर ड्रेजिंग के जरिए निकाला जाएगा. उनके अनुसार ब्रम्हपुत्र नदी से हर साल आने वाली बाढ़ और भूमि के कटाव को रोकने का यही कारगर तरीका है.
मौजूदा बाढ़ के हालात पर मदद का आश्वासन देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ पीड़ितों को हर संभव मदद की कोशिश की जा रही है. साथ ही उन्हें मेडिकल सहायता भी दी जा रही है. उन्होंने कहा कि बाढ़ से मृत्यु होने पर पीड़ित परिवार को दिया जाने वाला मुआवजा अब 48 घंटे के भीतर ही मिलेगा.