
उत्तर प्रदेश और असम समेत भारत के कई राज्यों में बुधवार को एक बार फिर से तूफान और बारिश ने जमकर कहर बरपाया. इसमें कम से कम 12 लोगों की मौत हो गई, जबकि 22 लोग घायल हो गए.
मौसम ने सबसे ज्यादा कहर उत्तर प्रदेश में बरपाया. यहां तूफान और बारिश के चलते कम से कम 11 लोगों की जान चली गई और 11 लोग घायल हो गए. इसके अलावा असम में तेज तूफान और बारिश के चलते एक व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि 11 लोग जख्मी हो गए.
उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से जारी आंकडों के मुताबिक सूबे के इटावा जिले में चार, मथुरा में तीन, आगरा में एक, कानपुर में एक, अलीगढ़ में एक और फिरोजपुर जिले में एक व्यक्ति की मौत हुई है.
इसके अतिरिक्त कम से कम 11 लोग जख्मी हुए हैं. इसमें घायल लोगों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है. उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव (सूचना) अवनीश अवस्थी ने बताया कि इटावा में चार, मथुरा में तीन और आगरा में एक व्यक्ति की मौत की खबर है.
उन्होंने बताया कि आगरा के एतमादपुर में मकान पर पेड़ गिरने से एक व्यक्ति की मौत हुई है. मौसम के कहर से प्रभावित जिलों के जिलाधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे प्रभावित लोगों तक तत्काल या कल सुबह तक राहत पहुंचाएं.
अवस्थी ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे आगरा, अलीगढ़, मथुरा और फिरोजाबाद सहित प्रभावित जिलों में आंधी तूफान से हुए नुकसान का आकलन करें और प्रभावित लोगों तक फौरन सहायता पहुंचाएं.
राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि सीएम योगी ने जिलाधिकारियों से नुकसान का आकलन कर प्रभावित लोगों को मुआवजा देने को भी कहा है. साथ ही आगाह किया कि इस कार्य में किसी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी.
महीने के शुरुआत में भी 134 लोगों की गई थी जान
इससे पहले दो और तीन मई को उत्तर प्रदेश समेत पांच राज्यों में तेज आंधी चलने और आसमान से बिजली गिरने से कम से कम कम 134 लोगों की जान चली गई थी और 400 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे. पिछली बार भी सबसे ज्यादा 80 लोग उत्तर प्रदेश में मारे गए थे और करीब 100 लोग घायल हुए थे.
इसके अलावा राजस्थान में 35 लोग मारे गए थे और 209 घायल हुए थे. तेलंगाना में 11 लोगों, उत्तराखंड में छह और पंजाब में दो लोगों की जान गई थी. तेलंगाना, उत्तराखंड और पंजाब में करीब 100 लोग घायल भी हुए थे.
इसमें बिजली के कम से कम 20,000 खंभे भी उखड़ गए थे और 2500 ट्रांसफार्मर क्षतिग्रस्त हो गए थे. इसके अलावा 1800 से अधिक मकानों को नुकसान पहुंचा और 800 मवेशी भी मारे गए थे.