
गुजरात में कांग्रेस पार्टी युवा पाटीदार नेताओं के सहारे भारतीय जनता पार्टी को सत्ता से बाहर करने में लगी हुए है. इसी कड़ी में सोमवार को राहुल ने गुजरात में ही पाटीदार नेताओं से मिले. राहुल अल्पेश ठाकोर की रैली में शामिल भी हुए. लेकिन इस दौरान एक बात पर लगातार संशय बना हुआ है, क्या हार्दिक पटेल और राहुल गांधी की मुलाकात हुई है.
एक ओर होटल की सीसीटीवी फुटेज, स्थानीय मीडिया लगातार कह रहा है कि दोनों नेताओं के बीच में मुलाकात हुई है. तो वहीं दूसरी तरफ हार्दिक पटेल लगातार मुलाकात की बात को मना कर रहे हैं. हार्दिक पटेल ने कहा है कि अगर उन्हें राहुल गांधी से मिलना होगा तो वे सबके सामने मिलेंगे.
हार्दिक पटेल की तीन शर्तें
हालांकि जो सूत्र राहुल और हार्दिक के बीच हुई मुलाकात की पुष्टि करते हैं उनके मुताबिक हार्दिक पटेल ने पाटीदार समाज की कई शर्तें इस मुलाकात के दौरान कांग्रेस उपाध्यक्ष के सामने रखीं.
ये हैं तीन शर्तें...
# पहली शर्त पाटीदार आरक्षण
# दूसरी शर्त जीत होने पर सरकार में भागीदारी
# तीसरी शर्त राष्ट्रद्रोह के केस से जुड़ी है.
आरक्षण पर अपना रुख साफ करे कांग्रेस
हार्दिक चाहते हैं कि कांग्रेस समर्थन से पहले ही ये साफ करे कि किस तरह और संविधान के किस प्रावधान के जरिए कांग्रेस अगर सत्ता में आती है, तो पाटीदारों को आरक्षण देगी. कांग्रेस अगर सत्ता में आती है तो, सरकार में पाटीदारों की कितने प्रतिशत नेतृत्व मिलेगा. इसके साथ ही पाटीदारों पर हुए राष्ट्रद्रोह के केस वापस लेना और पाटीदार युवाओं की हत्या के जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने की बात भी कही.
कांग्रेस को समर्थन नहीं!
सूत्रों के मुताबिक हार्दिक पटेल फिलहाल खुल कर कांग्रेस का समर्थन नहीं कर सकते हैं क्योंकि हार्दिक का पूरा समाज इस वक्त भले ही बीजेपी के साथ नहीं है, लेकिन पूरी तरह कांग्रेस को अपना भी नहीं सका है. पाटीदारों में युवा और बुजुर्गों के बीच मतभेद हो गए हैं. ऐसे में हार्दिक पटेल को जब तक समाज का पूरा साथ नहीं मिलता है, तब तक वो खुल कर कांग्रेस का समर्थन नहीं करेंगे.