
पूरे देश की नजरें इस समय गुजरात चुनाव पर टिकी हैं. हर कोई इस पर अपनी राय रख रहा है. इसी बीच विकासवादी अर्थशास्त्री और कार्यकर्ता ज्यां द्रेज ने 'गुजरात मॉडल' पर सवाल खड़े किए हैं. उनका कहना है कि इस तरह का कोई साक्ष्य ही नहीं है कि गुजरात मॉडल किसी तरीके का मॉडल है. उन्होंने सामाजिक सूचकों पर राज्य के पिछड़ेपन के संदर्भ में यह बातें रेखांकित कीं.
एक कार्यक्रम में प्रख्यात अर्थशास्त्री ने कहा, ''आप विकास सूचकों की किसी भी रैंकिंग को देखिए, चाहे वह सामाजिक सूचक हों, मानव विकास सूचकांक हों, बाल विकास सूचकांक हों, बहुआयामी गरीबी सूचकांक हों या फिर योजना आयोग के सभी मानक गरीबी सूचकांक इन सभी में गुजरात लगभग हमेशा बीच के आसपास ही रहा है.''
आपको बता दें कि ड्रेज ने ही राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (नरेगा), जिसे अब मनरेगा कहा जाता है के पहले संस्करण का मसौदा तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.
वे इससे पहले भी 'गुजरात मडल' शीर्षक से एक बार लेख लिख चुके हैं. उन्होंने कहा कि गुजरात मॉडल नाम पिछले लोकसभा चुनाव 2014 के आसपास गढ़ा गया था. उन्होंने कहा कि आर्थिक सूचक मानकों के लिहाज से स्थिति अच्छी है लेकिन इसके बावजूद सामाजिक विकास के संकेतकों को देखें तो यह मॉडल एक विरोधाभासी उदाहरण है.
गौरतलब है कि गुजरात में प्रचार के बीच राजनीतिक पार्टियों के बीच वार-पलटवार जारी है. कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी भी आक्रामक रुख में बीजेपी पर हमला बोल रहे हैं. राहुल के निशाने पर सीधे तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनका विकास है. पीएम मोदी सोमवार (27 नवंबर) से गुजरात में अपनी चुनावी रैलियां शुरू करेंगे.