
जम्मू-कश्मीर में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 7 अलगाववादी नेताओं की प्रॉपर्टी को सीज किया है. सूत्रों के अनुसार ईडी के अधिकारियों की तरफ से नोटिस जारी करने के बाद अनंतनाग, सोपोर और बांदीपोरा में ये प्रॉपर्टी सील की गई हैं. इनमें सेब के बगीचे और दूसरी जमीनें शामिल हैं.
जिन अलगाववादी नेताओं और आतंकवादियों की प्रॉपर्टी जब्त की गई है उनमें हिज्बुल प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन के अलावा 6 अन्य अलगाववादी नेताओं की प्रॉपर्टी को भी ईडी ने जब्त किया है. ईडी ने यह कार्रवाई आतंकी फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग के अलग-अलग मामलों में की है.
जम्मू और कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के प्रमुख यासीन मलिक सहित पांच लोगों के खिलाफ राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने अक्टूबर में दूसरा पूरक आरोपपत्र दाखिल किया था. एक स्पेशल कोर्ट में नए गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत आतंकी फंडिंग मामले में इन सभी अलगाववादी नेताओं के खिलाफ यह आरोपपत्र दाखिल किया गया था.
क्या है पूरा मामला?
एजेंसी ने इन कश्मीरी अलगाववादियों पर 2010 और 2016 में आतंकवादी गतिविधियों और पथराव करने के लिए पाकिस्तान से कथित रूप से फंड लेने का आरोप है. 200 पेज के इस आरोपपत्र में यासीन मलिक के साथ ही जम्मू-कश्मीर डेमोक्रेटिक फ्रीडम पार्टी के संस्थापक और अध्यक्ष शब्बीर शाह, दुख्तारन-ए-मिल्लत प्रमुख असिया अंद्राबी, ऑल पार्टी हुर्रियत कांफ्रेंस के महासचिव मसरत आलम और पूर्व विधायक रशीद इंजीनियर के नाम शामिल हैं.
यासीन मलिक को इस साल चार अप्रैल को गिरफ्तार किया गया था. उस पर कश्मीर में 2010 में अलगाववादी आंदोलन में शामिल होने और 2016 में हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर बुरहान वानी की हत्या के बाद अशांति फैलाने के आरोप हैं.
एनआईए की रिपोर्ट के मुताबिक नई सामग्री में आरोपपत्र में शामिल लोगों के सीमा पार से आरोपी हाफिज सईद (लश्कर-ए-तैयबा का सह संस्थापक और जमात-उद-दावा का प्रमुख ) और सैयद सलाहुद्दीन (हिजबुल मुजाहिदीन का प्रमुख) के साथ संबंधों को दिखाया गया है.
(IANS इनपुट के साथ)