
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की तबीयत पिछले 36 घंटों से नाजुक बनी हुई है. उन्हें जीवन रक्षक प्रणाली पर रखा गया है. दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ने एक बयान जारी कर यह जानकारी दी. एम्स की ओर से गुरुवार को भी मेडिकल बुलेटिन जारी किया गया. एम्स के मुताबिक उनकी हालत अभी भी नाजुक बन गई है.
वाजपेयी को गुर्दा (किडनी) नली में संक्रमण, छाती में जकड़न, मूत्रनली में संक्रमण आदि के बाद 11 जून को एम्स में भर्ती कराया गया था.
एम्स ने एक बयान में कहा, ‘‘दुर्भाग्यवश, पिछले 24 घंटों में उनकी हालत ज्यादा बिगड़ गई है. उनकी हालत नाजुक है और वह जीवन रक्षक प्रणाली पर हैं.’’
डिमेंशिया के मुख्य लक्षण:
- नाम, जगह, तुरंत की गई बातचीत को याद रखने में परेशानी
- अवसाद से पीड़ित होना
- संवाद स्थापित करने/बात करने में दिक्कत होना
- व्यवहार में बदलाव आना
- कुछ निगलने में दिक्कत होना
- चलने-फिरने में परेशानी होना
- निर्णय लेने की क्षमता का प्रभावित होना
- व्यवहार में बदलाव
- चीजों को रखकर भूल जाना
वाजपेयी एम्स के कार्डियो थोरेसिक सेंटर के गहन चिकित्सा कक्ष में हैं. किडनी में संक्रमण, छाती में संकुलन और पेशाब कम होने के चलते 93 वर्षीय पूर्व प्रधानमंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता वाजपेयी को बीते 11 जून को अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
बता दें कि अटल बिहारी वाजपेयी डिमेंशिया नाम की गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं और 2009 से ही व्हीलचेयर पर हैं. कुछ समय पहले भारत सरकार ने उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया. अटल बिहारी वाजपेयी 1991, 1996, 1998, 1999 और 2004 में लखनऊ से लोकसभा सदस्य चुने गए थे. वो बतौर प्रधानमंत्री अपना कार्यकाल पूर्ण करने वाले पहले और अभी तक एकमात्र गैर-कांग्रेसी नेता हैं. 25 दिसंबर, 1924 में जन्मे वाजपेयी ने भारत छोड़ो आंदोलन के जरिए 1942 में भारतीय राजनीति में कदम रखा था.