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अटल के कहने पर मोदी को जाना पड़ा था गुजरात, और रातो रात मिल गई थी सीएम की कुर्सी

नरेंद्र मोदी दिल्ली में एक अंतिम संस्कार में थे. उसी वक्त उनके पास प्रधानमंत्री निवास से फोन आया और आकर मिलने के लिए कहा गया. वाजपेयी से मुलाकात के बाद मोदी को गुजरात का सीएम बनने के लिए भेजा गया.

अटल बिहारी वाजपेयी के साथ पीएम नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो) अटल बिहारी वाजपेयी के साथ पीएम नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो)
जावेद अख़्तर
  • नई दिल्ली,
  • 12 जून 2018,
  • अपडेटेड 11:06 AM IST

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की तबीयत बिगड़ने के बाद जब सोमवार (12 जून) को उन्हें दिल्ली के एम्स अस्पताल लाया गया तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वहां उन्हें देखने पहुंचे. पीएम मोदी ने वहां करीब एक घंटा बिताया और डॉक्टरों से हालात की जानकारी ली.

प्रधानमंत्री का पद संभालने के बाद से हर बड़े मौके पर और अपने बयानों में नरेंद्र मोदी अटल बिहारी वाजपेयी को याद करना नहीं भूलते हैं. दरअसल, दोनों नेताओं का पुराना गहरा नाता भी रहा है. वो अटल बिहारी वाजपेयी ही थे, जिनके फैसले से नरेंद्र मोदी आज सत्ता के शिखर तक का रास्ता तय कर पाने में सफल हुए हैं.

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अटल ने नरेंद्र मोदी को बनाया था गुजरात का सीएम

गुजरात में 1995 के चुनाव में बीजेपी ने पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई. शंकर सिंह वाघेला और नरेंद्र मोदी को दरकिनार कर केशुभाई पटेल को मुख्यमंत्री बनाया गया. इसके बाद नरेंद्र मोदी को पार्टी का कामकाज देखने के लिए दिल्ली बुला लिया गया.

1998 में गुजरात में मध्यावधि चुनाव हुए और एक बार फिर बीजेपी की सत्ता में वापसी हो गई. लेकिन केंद्रीय नेतृत्व ने मोदी को अभी भी दिल्ली में ही जोड़े रखा और केशुभाई पटेल को फिर से सीएम की जिम्मेदारी दी गई.

भूकंप के बाद बदले समीकरण

26 जनवरी 2001 को भूकंप ने गुजरात को हिला कर रख दिया. भूकंप से बड़ा नुकसान हुआ और तत्कालीन राज्य सरकार हालात संभालने में विफल नजर आई. लोगों में सरकार के प्रति नाराजगी देखने को मिली. जिसका नमूना 2001 में हुए विधानसभा उपचुनाव में दिखाई दिया, जब सभी 3 सीटों पर बीजेपी को हार का मुंह देखना पड़ा.

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इस दौरान पार्टी की राज्य इकाई में केशुभाई पटेल के खिलाफ विरोध के स्वर उठने लगे. उपचुनाव की हार ने भी माहौल केशुभाई के खिलाफ कर दिया. नतीजतन, केशुभाई ने सेहत का हवाला देते हुए अपना इस्तीफा दे दिया.

वाजपेयी ने किया मोदी को फोन

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अक्टूबर 2001 में नरेंद्र मोदी दिल्ली में एक अंतिम संस्कार में गए थे. उसी वक्त उनके पास प्रधानमंत्री निवास से फोन आया और आकर मिलने के लिए कहा गया. बता दें कि तब केंद्र में एनडीए की सरकार थी और अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री थे.

उस दिन वाजपेयी से मुलाकात के बाद नरेंद्र मोदी गुजरात में मुख्यमंत्री बनने के लिए रवाना हो गए. जिसके बाद 2002, 2007 और 2012 में भी वह गुजरात के सीएम बने और 2014 में देश के प्रधानमंत्री की कुर्सी संभालने का मौका मिला.

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