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अटल बिहरी वाजपेयी को सम्मानित करेगा बांग्लादेश

बांग्लादेश ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को फ्रेंड्स ऑफ बांग्लादेश लिबरेशन वार अवॉर्ड से सम्मानित करने का फैसला किया है. ऐसा 1971 में उसे पाकिस्तान से मुक्त करवाने में पूर्व पीएम के अतुलनीय योगदान के लिए किया जा रहा है. तब वाजपेयी लोकसभा सदस्य थे.

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की फाइल फोटो पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की फाइल फोटो
aajtak.in
  • ढाका,
  • 01 जून 2015,
  • अपडेटेड 2:56 PM IST

बांग्लादेश ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को फ्रेंड्स ऑफ बांग्लादेश लिबरेशन वार अवॉर्ड से सम्मानित करने का फैसला किया है. ऐसा 1971 में उसे पाकिस्तान से मुक्त करवाने में पूर्व पीएम के अतुलनीय योगदान के लिए किया जा रहा है. तब वाजपेयी लोकसभा सदस्य थे.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब छह जून को बांग्लादेश की यात्रा पर आएंगे तब उन्हें वाजपेयी का अवॉर्ड सौंपा जाएगा. वाजपेयी अस्वस्थ होने के कारण यह सम्मान प्राप्त करने के लिए बांग्लादेश नहीं आ सकते. अधिकारी ने पुरस्कार के मसौदा प्रशस्ति पत्र के हवाले से कहा, 'मुक्ति संग्राम (1991) की शुरुआत से ही वाजपेयी ने बांग्लादेश की आजादी के समर्थन में कड़ा रख अपनाया. उन्होंने भारतीय जन संघ के तत्कालीन अध्यक्ष और लोकसभा सदस्य के तौर पर बांग्लादेश के लोगों के अधिकारों के लिए राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मुहिम चलाई थी.'

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अधिकारी ने बताया कि प्रधानमंत्री शेख हसीना ने बांग्लादेश की स्वतंत्रता के लिए अपना जीवन बलिदान करने वाले भारतीय सैन्य बलों के जवानों के परिजन को सम्मानित करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी है. इसमें कहा गया है कि यह बांग्लादेश की राष्ट्रीय जिम्मेदारी है कि वह भारतीय सैनिकों को उनके सर्वोच्च बलिदान के लिए औपचारिक रूप से धन्यवाद दे. अधिकारियों ने कहा कि ढाका ने शहीदों के परिजन को बांग्लादेश की प्रधानमंत्री के हस्ताक्षर वाले एक प्रमाण पत्र के साथ एक पत्र भेजने का निर्णय लिया है, जिसमें उनके योगदान के लिए उनका आभार व्यक्त किया जाएगा.

इंदिरा गांधी को भी मिल चुका है सम्मान
तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी पहली विदेशी मित्र थीं, जिन्हें बांग्लादेश लिबरेशन वार ऑनर अवॉर्ड दिया गया था. इंदिरा गांधी की ओर से उनकी बहू और कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने 2012 में यह सम्मान ग्रहण किया था. इसके बाद यह सम्मान प्राप्त करने वालों में भी अधिकतर भारतीय हैं, जिन्होंने बांग्लादेश की आजादी में अहम भूमिका निभाई. राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी भी इनमें से एक है. सत्तारूढ़ अवामी लीग के 2008 में सत्ता में आने के बाद से बांग्लादेश ने 1971 के विदेशी मित्रों को सम्मानित करने का निर्णय लिया था.

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-इनपुट भाषा से

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