
पश्चिम बंगाल में चुनाव नजदीक आने के साथ ही विभिन्न पार्टियों के कार्यकर्ताओं के बीच हिंसा की खबरें भी लगातार बढ़ती दिख रही है. बर्दवान जिले में गुरुवार को सीपीएम के कार्यकर्ताओं पर बम से हमला किया गया. इस हमले में सीपीएम के 1 कार्यकर्ता की मौत हो गई और 17 कार्यकर्ता घायल हो गए.
हमले का आरोप राज्य में सत्तारूढ़ टीएमसी के कार्यकर्ताओं पर है. यह हमला बर्दवान जिले के रैना इलाके में हुई. सीपीएम के ये कार्यकर्ता बीडीओ कार्यालय से लौट रहे थे जो कि राशनिंग सिस्टम में भ्रष्टाचार की शिकायत करने गए थे. घायल हुए कार्यकर्ताओं को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है. सीपीएम ने इस हमले के पीछे टीएमसी कार्यकर्ताओं का हाथ होने का आरोप लगाया है.
10 लोगों को हिरासत में लिया गया
टीएमसी-सीपीएम में होती रही है हिंसा
इससे पहले 22 जनवरी को पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में हुए एक जोरदार विस्फोट में दो सगे भाईयों की मौत हो गई. दोनों मृतक तृणमूल कांग्रेस के समर्थक थे. घटना में स्थानीय ग्राम पंचायत में तृणमूल कांग्रेस के प्रतिनिधि और मृतकों के भाई जाबिर हुसैन और परिवार के अन्य सदस्य इस धमाके में बाल बाल बच गए. वे धमाके के वक्त घर में ही मौजूद थे लेकिन उन्हें कोई नुकसान नहीं हुआ.
बीजेपी और टीएमसी को बंगाल से भगाओ- सीपीएम
इससे पहले मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने पश्चिम बंगाल की तृणमूल कांग्रेस और केंद्र की भारतीय जनता पार्टी सरकार पर जमकर प्रहार किया था. पार्टी महासचिव सीताराम येचुरी ने पार्टी ने लोगों का आह्वान किया था कि वे इन दोनों सरकारों को सत्ता से उखाड़ फेंके. माकपा ने कहा कि एक पार्टी (भाजपा) सांप्रदायिकता का जहर फैला रही है तो दूसरी पार्टी (तृणमूल) ने पश्चिम बंगाल को तबाही के रास्ते पर धकेल दिया है.