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अटॉर्नी जनरल बोले- शनिवार तक सुलझा ली जाएगी SC जजों के बीच तकरार

सूत्रों के अनुसार यह मामला सुप्रीम कोर्ट का आंतरिक मामला है, इस वजह से सरकार इसमें कोई दखल नहीं देना चाहती है. हालांकि सरकार ने कहा कि लोगों के विश्वास को बनाए रखने के लिए इस मामले को जल्द सुलझा लिया जाए.

अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल
अंकुर कुमार
  • नई दिल्ली ,
  • 12 जनवरी 2018,
  • अपडेटेड 8:13 AM IST

देश में पहली बार न्यायपालिका में शुक्रवार को असाधारण स्थिति देखी गई. सुप्रीम कोर्ट के मौजूदा 4 जजों ने मीडिया को संबोधित किया. चीफ जस्टिस के बाद दूसरे सबसे सीनियर जज जस्टिस चेलमेश्वर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि सुप्रीम कोर्ट का प्रशासन ठीक तरीके से काम नहीं कर रहा है, अगर ऐसे चलता रहा तो लोकतांत्रिक परिस्थिति ठीक नहीं रहेगी.

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पहली बार सुप्रीम कोर्ट के 4 सिटिंग जज न्यायपालिका की खामियों की शिकायत लेकर मीडिया के सामने आए तो सिस्टम में हड़कंप मच गया. अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल का दावा है कि शनिवार को इस मामले में सहमति बन जाएगी.

अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि शनिवार को सुप्रीम कोर्ट के जजों के बीच सारी तकरार खत्म हो जाएगी और सारे मामले सुलझा लिए जाएंगे.

'न्यायपालिका के मामले में दखल नहीं देगी सरकार'

वहीं केंद्र सरकार ने यह बात साफ की है कि वह इस मामले में दखल नहीं देगी. केंद्र के अनुसार न्यायतंत्र खुद इस मामले को सुलझाए. कानून राज्य मंत्री पीपी चौधरी ने कहा कि हमारे न्यायतंत्र को विश्व में सम्मानित नजरों से देखा जाता है. यह स्वतंत्र है और अपने मामले खुद सुलझा सकता है.

वहीं सूत्रों के अनुसार यह मामला सुप्रीम कोर्ट का आंतरिक मामला है, इस वजह से सरकार इसमें कोई दखल नहीं देना चाहती है. हालांकि सरकार ने कहा कि लोगों के विश्वास को बनाए रखने के लिए इस मामले को जल्द सुलझा लिया जाए.

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आपको बता दें कि शुक्रवार सुबह चीफ जस्टिस के बाद दूसरे सबसे सीनियर जज जस्टिस चेलमेश्वर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि कभी-कभी होता है कि देश के सुप्रीम कोर्ट की व्यवस्था भी बदलती है. सुप्रीम कोर्ट का प्रशासन ठीक तरीके से काम नहीं कर रहा है, अगर ऐसा चलता रहा तो लोकतांत्रिक परिस्थिति ठीक नहीं रहेगी. उन्होंने कहा कि हमने इस मुद्दे पर चीफ जस्टिस से बात की, लेकिन उन्होंने हमारी बात नहीं सुनी.

जजों ने बताया कि चार महीने पहले हम सभी ने चीफ जस्टिस को एक पत्र लिखा था, जो कि प्रशासन के बारे में थे, हमने कुछ मुद्दे उठाए थे लेकिन उन मुद्दों को अनसुना कर दिया गया.

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