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PAK को एक और झटका, आस्ट्रेलिया ने किया ग्रे लिस्टिंग का समर्थन

मनी लाउंड्रिंग और आतंक के लिए फंड देने वालों पर लगाम लगाने के लिए एफएटीएफ की 1980 में स्थापना की गई थी. वर्तमान में एफएटीएफ के 35 सदस्य हैं और दो रिजनल ऑर्गेनाइजेशन- यूरोपियन कमीशन और गल्फ कोऑपरेशन काउंसिल शामिल हैं.

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की बढ़ी मुश्किलें पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की बढ़ी मुश्किलें
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 30 जनवरी 2020,
  • अपडेटेड 4:57 PM IST

  • फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स ने पाक को 2018 में ग्रे लिस्ट में डाला
  • वर्तमान में फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) के 35 सदस्य हैं

पाकिस्तान की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है. आतंकवाद को समर्थन देने के कारण फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) ने पहले से ही उसे ग्रे-लिस्ट में डाल रखा है. अब आस्ट्रेलिया ने पाकिस्तान की ग्रे-लिस्टिंग का समर्थन किया है और कहा है कि पाकिस्तान को ब्लैक लिस्ट में शामिल करने पर विचार किया जाना चाहिए. साथ ही आस्ट्रेलिया ने कहा है कि वह आतंक के खिलाफ लड़ाई में भारत के साथ खड़ा है.

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पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की परेशानी लगातार बढ़ती जा रही है. इस समय पाकिस्तान भारी वित्तीय संकट से जूझ रहा है. वहां महंगाई चरम पर है. पाकिस्तान पर आरोप था कि वह आतंकी संगठनों को फंड मुहैया कराने वाले नेटवर्क का समर्थन करता है. बाद में एफएटीएफ के दबाव के चलते पाकिस्तान ने दिखावे के लिए कुछ कदम उठाए लेकिन वह अपनी कार्रवाई से एफएटीएफ को संतुष्ट नहीं कर पाया है.

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मनी लाउंड्रिंग और आतंक के लिए फंड देने वालों पर लगाम लगाने के लिए एफएटीएफ की 1980 में स्थापना की गई थी. वर्तमान में एफएटीएफ के 35 सदस्य हैं और दो रिजनल ऑर्गेनाइजेशन- यूरोपियन कमीशन और गल्फ कोऑपरेशन काउंसिल शामिल हैं.

'आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत के साथ'

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समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, ऑस्ट्रेलिया की भारत में उच्चायुक्त हरिंदर सिद्धू ने जानकारी देते हुए कहा कि आस्ट्रेलिया पाकिस्तान को ग्रे-लिस्ट में शामिल करने का समर्थन करता है. उन्होंने कहा कि आस्ट्रेलिया इसके समर्थन में है कि पाकिस्तान को ब्लैक लिस्ट में शामिल करने पर भी विचार किया जाना चाहिए. पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा, 'इंडो-प्रशांत स्ट्रैटजी के तहत हम इस इलाके के मजबूत लोकतांत्रिक देशों के साथ मिलकर काम करना चाहते हैं. आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में हम भारत के साथ हैं.'

हरिंदर सिद्धू से जब कश्मीर और नागरिकता संशोधन कानून पर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा, 'किसी विदेशी उच्चायुक्त के लिए यह उचित नहीं होगा कि वह किसी देश के आंतरिक मुद्दे पर टिप्पणी करे.' 2018 में जब से पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में डाला गया है तब से वहां जोरदार वित्तीय संकट पैदा हो गया है.

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पाकिस्तान में आजकल टमाटर, प्याज और दवा जैसी जरूरी चीजों की कीमत आसमान छू रही है. पाकिस्तान लगातार ग्रे लिस्ट से बाहर आने की कोशिश कर रहा है. लेकिन ग्रे लिस्ट में शामिल होने के कारण वहां विदेशी निवेश नहीं हो पा रहा है. ग्रे लिस्ट से बाहर निकलने के लिए वह चीन और अमेरिका की मदद मांग रहा है. ऐसे में आस्ट्रेलिया के इस प्रयास से पाकिस्तान को ग्रे-लिस्ट से बाहर निकलने के प्रयास को झटका लग सकता है.

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