
ऑस्ट्रेलिया के राष्ट्रीय चुनावों के लिए शनिवार को ऑस्ट्रेलियाई नागरिकों ने मतदान किया. पिछले तीन सालों में देश का पांचवां प्रधानमंत्री बनने के लिए प्रधानमंत्री मैल्कम टर्नबुल और लेबर पार्टी के नेता बिल शॉर्टन आमने-सामने हैं. चुनाव पूर्व किए गए अधिकतर सर्वे में टर्नबुल और शॉर्टन के बीच कांटे का मुकाबला होने की संभावना जताई गई है.
भारतीय मूल के 5 उम्मीवार
ऑस्ट्रेलियाई समयानुसार सुबह आठ बजे मतदान शुरू हुआ. हजारों मतदाता मताधिकार का प्रयोग करने के लिए मतदान केंद्रों पर कतार में खड़े नजर आए. इन चुनावों में एक करोड़ 50 लाख से अधिक मतदाता 55 से अधिक राजनीतिक दलों के 1600 से अधिक उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करेंगे. पांच भारतीय मूल के उम्मीवार भी इन चुनावों में भाग्य आजमा रहे हैं.
45वीं संसद के निचले सदन के लिए मतदान
प्रधानमंत्री टर्नबुल ने अप्रैल में दोनों सदनों को भंग करने की घोषणा की थी. इसके बाद उम्मीदवारों की आठ सप्ताह की आधिकारिक प्रचार मुहिम चली थी. इन चुनावों में 45वीं संसद के निचले सदन के 150 सदस्यों समेत कुल 226 सदस्यों का चयन किया जाएगा.
150 सीटों के लिए बड़ी टक्कर
150 सीटों वाली प्रतिनिधि सभा में लेबर की मौजूदा समय में 55 और लिबरल राष्ट्रीय गठबंधन की 90 सीटें है. इसके अलावा पांच सीटें छोटे दलों या निर्दलीय सदस्यों के पास हैं. टर्नबुल और शॉर्टन के बीच कड़ा मुकाबला होने की संभावना है.
कांटे की टक्कर
‘द ऑस्ट्रेलियन’ में छपी एक न्यूजपोल में दिखाया गया कि टर्नबुल का लिबरल नेशनल गठबंधन, लेबर पार्टी से 49.5 फीसदी के मुकाबले 50.5 फीसदी मतों से आगे है. इससे यूरोपीय संघ छोड़ने के ब्रिटेन के फैसले से टर्नबुल को लाभ हुआ दिखता है. ऑस्ट्रेलियाई चुनाव आयोग ने बताया कि देशभर में करीब 7000 मतदान केंद्रों पर 75000 कर्मी तैनात हैं.
टर्नबुल और शॉर्टन ने किया जीत का दावा
इस बीच, मेलबर्न के सेंट किल्डा क्षेत्र में मतदान केंद्रों को कथित रूप से नुकसान पहुंचाने के मामले में चार लोगों को रात में गिरफ्तार करके बाद में रिहा कर दिया गया. टर्नबुल और शॉर्टन, दोनों ने अपनी अपनी जीत का भरोसा जताया है.