
लंबे समय से मंदी के दौर से गुजर रही ऑटो इंडस्ट्री को एक और झटका लगा है. दरअसल, नवंबर में ऑटो सेक्टर की कुल बिक्री में वार्षिक आधार पर 12.05 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है. वहीं अप्रैल से नवंबर की अवधि में बिक्री करीब 16 फीसदी कम हो गई है. इस अवधि के बीच प्रोडक्शन में भी 13.75 फीसदी की गिरावट आई है. इन आंकड़ों के बीच, ऑटो सेक्टर के शेयर करीब 1 फीसदी तक टूट गए.
क्या कहते हैं नवंबर के आंकड़े?
सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चर्स (सियाम) के आंकड़ों के मुताबिक नवंबर में कुल बिक्री 1,792,415 वाहनों की रही. जबकि एक साल पहले इसी समय में यह बिक्री 2,038,007 वाहनों की रही थी. यात्री वाहनों की बिक्री नवंबर में 0.84 फीसदी की मामूली गिरावट के साथ 2,63,773 इकाई रह गई. इससे पहले नवंबर, 2018 में यात्री वाहनों की बिक्री 2,66,000 इकाई रही थी.
कारों की बिक्री में 10.83 फीसदी की गिरावट
घरेलू बाजार में कारों की बिक्री 10.83 फीसदी की गिरावट के साथ 1,60,306 इकाई रह गई, जो नवंबर, 2018 में 1,79,783 इकाई रही थी. इसी तरह मोटरसाइकिलों की बिक्री भी 14.87 फीसदी की गिरावट के साथ 8,93,538 इकाई रह गई, जो एक साल पहले समान महीने में 10,49,651 इकाई रही थी. वहीं दोपहिया की कुल बिक्री भी 14.27 फीसदी घटकर 14,10,939 इकाई रह गई, जो इससे पिछले वर्ष की समान अवधि में 16,45,783 इकाई रही थी. इसी तरह कॉमर्शियल वाहनों की बिक्री 14.98 फीसदी घटकर 61,907 इकाई रह गई.
बता दें कि हाल ही में ऑटोमोबाइल सेक्टर की सुस्ती को लेकर सरकार ने कहा है कि ये क्षेत्र संक्रमण काल से गुजर रहा है लेकिन नौकरियां खतरे में नहीं हैं. भारी उद्योग राज्यमंत्री अर्जुन राम मेघवाल के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार एक अप्रैल 2020 तक हमें बीएस 4 से बीएस 6 मानक पर जाना है और इलेक्ट्रॉनिक वाहनों की तरफ भी बढ़ना है. इसलिए चिंता की कोई बात नहीं है और न ही नौकरियां खतरे में हैं.