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सिद्धू का मास्टरस्ट्रोक साबित हो सकता है आवाज-ए-पंजाब, आठ सितंबर को हो जाएगा सब साफ

सिद्धू की पत्नी नवाजोत कौर का कहना है कि उन्होंने ओलिंपियन परगट सिंह का फेसबुक पोस्ट देखा है. इसमें लुधियाना से विधायक बैंस बंधू और परगट के साथ नवजोत सिंह सिद्धू का पोस्टर है.

नवजोत सिंह सिद्धू नवजोत सिंह सिद्धू
सतेंदर चौहान
  • चंडीगढ़,
  • 02 सितंबर 2016,
  • अपडेटेड 11:17 AM IST

बीजेपी के पूर्व सांसद और पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू ने आम आदमी पार्टी, बीजेपी और कांगेस के खिलाफ गुगली फेंक दी है. पंजाब की राजनतिक पिच पर चुनाव से ठीक पहले 'आवाज-ए-पंजाब' नाम की नई गेंद उछाल दी गई है. अकाली दल से निलंबित विधायक परगट सिंह ने इस नए मोर्चे से सिद्धू के जुड़ने का दावा किया है और एक पोस्टर भी जारी किया, लेकिन इस गेंद पर मास्टरस्ट्रोक यानी आखि‍री फैसला 8 सितंबर को सिद्धू ही करने वाले हैं.

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सिद्धू की पत्नी नवाजोत कौर का कहना है कि उन्होंने ओलिंपियन परगट सिंह का फेसबुक पोस्ट देखा है. इसमें लुधियाना से विधायक बैंस बंधू और परगट के साथ नवजोत सिंह सिद्धू का पोस्टर है. कौर ने कहा, '8 सितंबर को नवजोत सिंह सिद्धू परगट के दावों और मोर्चे को लेकर अपना फैसला मीडिया के सामने रखेंगे.'

कहा जा रहा है की 'आवाज-ए-पंजाब' फिलहाल एक मंच है, लेकिन चुनावों से पहले ये मंच एक राजनीतिक मास्टर स्ट्रोक साबित हो सकता है. बीजेपी से इस्तीफा देने के बाद सिद्धू का झुकाव 'आप' की तरफ था. इस बीच कभी-कभी कांग्रेस के साथ बातचीत के भी उनके आसार बने. लेकिन फिलहाल इस आवाज-ए-पंजाब मंच ने कहीं न कहीं राजनीतिक पंडितों को हैरान जरूर कर दिया है.

बदलते समीकरण के बीच नया मोर्चा
विशेषज्ञ मानते हैं कि पंजाब की राजनीति के समीकरण लगातार बदल रहे हैं. ऐसे में इस मोर्चे का ऐलान परगट सिंह, बैंस बंधुओं और सिद्धू के लिए बड़ी सफलता की गारंटी बनकर उभर सकता है.

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ये बड़े नाम भी हो सकते हैं शामिल
दरअसल, आम आदमी पार्टी से कोई पुख्ता भरोसा नहीं मिलने और बीजेपी में वापसी की राह बंद होने के बाद सिद्धू के लिए एक विकल्प कांग्रेस था. लेकिन वहां पर पहले से ही हेवी वेट नेताओं की भरमार के बाद सिर्फ एक ही विकल्प बचा था चौथा मोर्चा. इस मोर्चे में अकाली दल से निकले पूर्व हॉकी खिलाड़ी परगट सिंह, अकाली दल से लगतार लड़ाई लड़ने वाले बैंस बंधू शामिल हो चुके हैं. कयास ये भी लगाए जा रहे हैं कि बागी 'आप' सांसदों हरिंद्र सिंह खालसा और धर्मवीर गांधी, जगमीत सिंह बराड़ा, वीर दविंद्र सिंह सहित अन्य और बागी नेता भी इसमें शामिल हो सकते हैं.

क्या लिखा है कि मोर्चे के पोस्टर में
परगट सिंह के फेसबुक पेज पर लगी तस्वीर में लिखा है कि आवाज-ए-पंजाब जांचे, परखे और हर कसौटी पर खरे. तस्वीर में लिखा है, 'आस और विश्वास की राजनीति के लिए हम एक हैं. हमारी जंग उन ताकतों के खिलाफ है, जिन्होंने पंजाब को बर्बाद किया.' हालांकि, नवजोत सिंह सिद्धू की ओर से नई पार्टी बनाने के बारे में अधिकारिक पुष्टि का अभी इंतजार है.

'आप' में फूट का मिल सकता है फायदा
दूसरी ओर, आम आदमी पार्टी दो फाड़ है. ऐसे में विरोधी धड़ा इस मंच से खासा खुश नजर आ रहा है. कांग्रेस और अकाली दल फिलहाल इस मोर्चे पर चुटकी तो ले रहे हैं, लेकिन अंदर खाते सभी राजनीतिक दलों को ये भी पता है कि अगर इस मोर्चे की लहर कहीं बन गई तो कई बड़े नेताओं का राजनीतिक भविष्य दांव पर लग जाएगा.

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