
अयोध्या जमीन विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा है. इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने पूछा था कि क्या राम का कोई वंशज है? इसके जवाब में राम जन्मभूमि की ओर से पेश वकील ने कहा था कि इसकी कोई जानकारी नहीं है. लेकिन अयोध्या विवाद में अब जयपुर राजघराना भी पार्टी बनेगा. जयपुर राजघराने की वंशज पूर्व राजकुमारी दीया सिंह का कहना है कि जयपुर राजघराना भगवान श्री राम के बेटे कुश के वंशज हैं और इसके दस्तावेज जयपुर राजघराने के पास मौजूद हैं.
राजस्थान के राजसमंद से बीजेपी सांसद दीया कुमारी ने इसके सबूत भी दिए हैं. उन्होंने एक पत्रावली दिखाई है, जिस पर अयोध्या के राजा श्री राम के वंश के सभी पूर्वजों का क्रमवार नाम लिखा हुआ है. इसी में 209 में वंशज के रूप में सवाई जयसिंह और 307वें वंशज के रूप में महाराजा भवानी सिंह का नाम लिखा हुआ है.
सिटी पैलेस के म्यूजियम के मुताबिक, कछवाहा वंश को भगवान राम के बेटे कुश के नाम पर कुशवाहा वंश भी कहा जाता है. कुशवाहा वंश की वंशावली के मुताबिक, 62वें राजा दशरथ, 63वें श्री राम, 64वें कुश थे. इसी क्रम में 209वें वंशज आमेर जयपुर के सवाई जयसिंह, ईश्वरी सिंह और माधव सिंह और पृथ्वी सिंह रहे. जबकि दिया कुमारी के पिता भवानी सिंह 307वें वंशज थे.
जयपुर राजघराने के सिटी पैलेस के पोथीखाने में रखे हुए 9 दस्तावेज और दो नक्शे ये बताते हैं कि अयोध्या के जय सिंह पुरा और राम जन्म स्थान सवाई जयसिंह द्वितीय के अधीन थे. एक अन्य दस्तावेज के अनुसार, 1776 में नवाब वजीर आसफउद्दौला ने राजा भवानी सिंह को हुक्म दिया था कि अयोध्या और इलाहाबाद स्थित जयसिंह पुरा में कोई दखल नहीं देंगे.
औरंगजेब की मृत्यु के बाद सवाई जयसिंह द्वितीय ने हिंदू धार्मिक इलाकों में बड़ी जमीनें खरीदीं. 1717 से 1725 में अयोध्या में राम जन्म स्थान मंदिर भी बनवाया था. जाने-माने इतिहासकार आर. नाथ ने भी एक किताब लिखी है. 'द जयसिंहपुरा ऑफ सवाई राजा जयसिंह एट अयोध्या' नाम के इस किताब के एनेक्सचर-2 के मुताबिक, अयोध्या के राम जन्म स्थल मंदिर पर जयपुर के कछवाहा वंश का अधिकार था.