
सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या केस में फैसला सुनाते हुए विवादित जमीन पर राम मंदिर निर्माण का आदेश दे दिया है. कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि बाबरी मस्जिद का निर्माण किसी खाली जगह पर नहीं किया गया था और विवादित जमीन के नीचे एक ढांचा था, जो इस्लामिक ढांचा नहीं था. हालांकि, कोर्ट ने अपने फैसले में बाबरी मस्जिद गिराने को कानून का उल्लंघन बताया है.
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली बेंच ने शनिवार को अयोध्या केस में फैसला सुनाते हुए कहा कि बाबरी मस्जिद को नुकसान पहुंचाना कानून का उल्लंघन था.
कोर्ट ने कहा कि 1934 में मस्जिद को नुकसान पहुंचाना, 1949 में अपवित्र करना और 1992 में मस्जिद को गिराना कानून का उल्लंघन था.
यानी 6 दिसंबर 1992 को बाबरी मस्जिद ढहाने को सुप्रीम कोर्ट ने भी कानून का उल्लंघन माना है. इससे साफ है कि विध्वंस केस में जिन नेताओं के खिलाफ ट्रायल चल रहा है, उन्हें अयोध्या केस पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से कोई राहत मिलती नहीं दिखाई दे रही है.
अयोध्या में 6 दिसंबर 1992 को बाबरी मस्जिद का ढांचा गिराया गया था. बड़ी संख्या में कारसेवक अयोध्या पहुंचे थे, साथ ही बीजेपी और कई हिंदुवादी संगठनों के नेता भी यहां पहुंचे थे. बाबरी विध्वंस के आरोप में बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी समेत 13 नेताओं के खिलाफ केस दर्ज किया गया था. इस घटना से जुड़े केस नंबर 198 में पुलिस अधिकारी गंगा प्रसाद तिवारी ने राम कथा कुंज सभा मंच से मुस्लिम समुदाय के खिलाफ धार्मिक उन्माद भड़काने वाला भाषण देकर बाबरी मस्जिद गिरवाने का मुकदमा कायम कराया था.
इस मुकदमे में लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, अशोक सिंघल, गिरिराज किशोर, विनय कटियार, उमा भारती, विष्णु हरि डालमिया और साध्वी ऋतंभरा जैसे बड़े नाम भी शामिल हैं. इस मामले में चार्जशीट भी दायर हो चुकी है और ट्रायल चल रहा है. अब देखना है कि इस मामले में कब तक फैसला आता है.
ओवैसी ने बाबरी विध्वंस पर क्या कहा
AIMIM प्रमुख और लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए काह कि जिन्होंने बाबरी मस्जिद को गिराया, उन्हें ट्रस्ट बनाकर राम मंदिर बनाने का काम दिया गया है. ओवैसी ने सवाल उठाते हुए कहा कि अगर मस्जिद वहां पर रहती तो सुप्रीम कोर्ट क्या फैसला लेता? बाबरी मस्जिद नहीं गिरती तो फैसला क्या आता. ओवैसी ने कहा कि यह कानून के खिलाफ है और हम अपने अधिकार के लिए लड़ रहे थे.