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अयोध्या दीपोत्सव: 51000 दीपों की लौ में होंगे भगवान राम के दर्शन

दीपों को जलाने के बाद जब ऊंचाई से उन्हें देखा जाएगा तो उसमें भगवान राम की आकृति दिखेगी. इसके लिए अवध विश्वविद्यालय का दृश्य कला विभाग खास तैयारी कर रहा है. इसलिए इस बार दीपों को सीधा ना लगाकर ग्राफिक्स के माध्यम से घाटों पर सजाया जाएगा.

अयोध्या दीपोत्सव में पिछले साल बना था रिकॉर्ड (फाइल फोटो) अयोध्या दीपोत्सव में पिछले साल बना था रिकॉर्ड (फाइल फोटो)
शिवेंद्र श्रीवास्तव
  • अयोध्या,
  • 13 अक्टूबर 2019,
  • अपडेटेड 2:30 PM IST

  • अयोध्या में दीपोत्सव की खास तैयारी
  • फिर बनेगा गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड

राम की नगरी अयोध्या में इस बार भी योगी सरकार भव्य दीपोत्सव मनाने की तैयारी कर रही है. इस बार दीपोत्सव में दीपों की लौ में भगवान श्री राम के दर्शन कराने की योजना है, जिसके लिए जोर-शोर से तैयारी जारी है.

जानकारी के मुताबिक दीपों के जलने के बाद जब ऊंचाई से उन्हें देखा जाएगा तो उसमें भगवान राम की आकृति दिखेगी. इसके लिए अवध विश्वविद्यालय का दृश्य कला विभाग खास तैयारी कर रहा है. इसलिए इस बार दीपों को सीधा ना लगाकर ग्राफिक्स के माध्यम से घाटों पर सजाया जाएगा. इन्हीं ग्राफिक्स को देखने पर भगवान श्री राम, सीता और हनुमान समेत अयोध्या के प्रमुख दर्शनीय स्थलों की आकृतियों को घाटों पर ही देखा जा सकेगा.

पिछली बार बनाया था रिकॉर्ड

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इस बार अयोध्या के 16 घाटों पर दीयों के माध्यम से पूरी अयोध्या के दर्शन हो जाएंगें. पिछली बार विश्वविद्यालय प्रशासन ने एक साथ सर्वाधिक दीप जलाकर गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड में स्थान बनाया था. विश्व हिंदू परिषद ने भी इस बार रामलला के दरबार में दीपोत्सव के दौरान 51000 दीपक जलाने की योजना बनाई है. इस बारे में विश्व हिंदू परिषद के लोगों ने मंडलायुक्त से मुलाकात कर अनुमति भी मांगी है.

योगी सरकार अयोध्या की दीपावली को इस बार पूरी तरह से भव्य बनाने में जुटी हुई है. बता दें कि अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने में कुछ हफ्ते ही बचे हैं, ऐसे में कोर्ट का फैसला आने से पहले यह आखिरी दिपावली मनाई जाएगी.

अयोध्या के 13 बड़े मंदिरों में तीन दिन लगातार जलेंगे 5001 दीये

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अयोध्या नगर निगम के मेयर ऋषिकेश उपाध्याय ने बताया कि इस बार कनक भवन, हनुमान गढ़ी, दशरथ महल, मणिराम दास छावनी, छोटी देवकाली, गुप्तारघाट, भरतकुंड समेत जिले 13 बड़े मंदिरों में 24 से लेकर 26 अक्टूबर तक हर शाम 5001 दीये जलाए जाएंगे.

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