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SC के फैसले से पहले अयोध्या में भगवान राम की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा

अयोध्या में राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट में फैसला आने से पहले जहां प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद है तो वहीं निर्णायक फैसला आने से पहले महंत सत्येंद्र दास ने संभावित राम की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा की.

अयोध्या में फैसले से पहले भगवान राम की मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा (फोटो-शिवेंद्र) अयोध्या में फैसले से पहले भगवान राम की मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा (फोटो-शिवेंद्र)
शिवेंद्र श्रीवास्तव
  • लखनऊ,
  • 07 नवंबर 2019,
  • अपडेटेड 6:00 PM IST

  • शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए सुरक्षा के भारी इंतजाम
  • कर्नाटक से आई राम की धातु मूर्ति हो सकती है स्थापित

अयोध्या में राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट में फैसला आने से पहले जहां प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद है और उत्तर प्रदेश समेत देश के कई हिस्सों में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए सुरक्षा के भारी इंतजाम किए जा रहे हैं तो वहीं निर्णायक फैसला आने से पहले महंत सत्येंद्र दास ने संभावित राम की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा की.

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सूत्रों के मुताबिक अगर सुप्रीम कोर्ट से राम मंदिर को लेकर फैसला हिंदुओं के पक्ष में आता है तो इस मूर्ति को स्थापित करने प्रस्ताव दिया जा सकता है.

महंत सत्येंद्र दास ने संभावित राम की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा की (फोटो-शिवेंद्र)

कर्नाटक से आई मूर्ति

भगवान राम की विशेष धातु की यह मूर्ति कर्नाटक से आई है. इस मूर्ति को स्थापित करने के लिए महंत सत्येंद्र दास ने अपनी इच्छा जाहिर की है. सत्येंद्र दास मौजूदा समय मे विवादित परिसर में रामलला के मुख्य पुजारी हैं.

कर्नाटक से आई राम की प्रतिमा (फोटो-शिवेंद्र)

इस बीच सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले अयोध्या प्रशासन भी पूरी तरह से मुस्तैद दिख रहा है. पंच कोसी परिक्रमा को लेकर अलग व्यवस्था की गई है. ड्रोन से अयोध्या शहर की निगरानी की जा रही है.

अयोध्या को लेकर स्थानीय प्रशासन ने पीस कमेटियां बनाई है. इन कमेटियों में शामिल लोग जिले के गांवों में जाकर लोगों से शांति और प्रेम बनाए रखने की अपील कर रहे हैं. बाहर के जिलों में दर्जनों की संख्या में अस्थायी जेल परिसरों का निर्माण किया गया है. स्कूल और प्राइवेट बिल्डिंगों को अस्थायी जेल के लिए चिन्हित किया गया है. अयोध्या के हर इलाके में फोर्स की तैनाती की गई है.

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सभी राज्यों को सुरक्षा एडवाइजरी

गृह मंत्रालय से जुड़े सूत्रों के हवाले से खबर है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों को एडवाइजरी भेजी है. सभी राज्यों को फैसले को लेकर अलर्ट रहने के निर्देश दिए गए हैं.

सूत्रों के मुताबिक अतिरिक्त सुरक्षा के लिए गृह मंत्रालय ने अर्धसैनिक बलों की 40 कंपनियां भेजी है. इन 40 कंपनियों में 4000 पैरा मिलिट्री फोर्स के जवान शामिल हैं.

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