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PM Modi ने बताया दुनिया के कितने देशों में और किन-किन रूपों में मौजूद हैं राम

राम मंदिर कैसा होगा, इसके बारे में प्रधानमंत्री ने कहा, मुझे विश्वास है कि श्रीराम के नाम की तरह ही अयोध्या में बनने वाला ये भव्य राममंदिर भारतीय संस्कृति की समृद्ध विरासत का द्योतक होगा. उन्होंने कहा, यहां निर्मित होने वाला राममंदिर अनंतकाल तक पूरी मानवता को प्रेरणा देगा.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फोटो-PTI) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फोटो-PTI)
aajtak.in
  • अयोध्या,
  • 05 अगस्त 2020,
  • अपडेटेड 3:36 PM IST

  • 'जब जब मानवता ने राम को माना है विकास हुआ है'
  • जब जब हम भटके हैं, विनाश के रास्ते खुले हैं: PM

अयोध्या में राम जन्मभूमि मंदिर की आधारशिला रखने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभा को संबोधित किया. उन्होंने बताया कि दुनिया के कितने देशों में और किन-किन रूपों में भगवान राम मौजूद हैं. पीएम मोदी ने कहा कि भारत की आस्था में राम हैं, भारत के आदर्शों में राम हैं. भारत की दिव्यता में राम हैं, भारत के दर्शन में राम हैं.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि तुलसी के राम सगुण राम हैं, तो नानक और कबीर के राम निर्गुण राम हैं. भगवान बुद्ध भी राम से जुड़े हैं तो सदियों से ये अयोध्या नगरी जैन धर्म की आस्था का केंद्र भी रही है. राम की यही सर्वव्यापकता भारत की विविधता में एकता का जीवन चरित्र है. आज भी भारत के बाहर दर्जनों ऐसे देश हैं जहां, वहां की भाषा में रामकथा प्रचलित है.

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प्रधानमंत्री ने कहा, मुझे विश्वास है कि आज इन देशों में भी करोड़ों लोगों को राम मंदिर के निर्माण का काम शुरू होने से बहुत सुखद अनुभूति हो रही होगी. आखिर राम सबके हैं, सब में हैं. जीवन का ऐसा कोई पहलू नहीं है, जहां हमारे राम प्रेरणा न देते हों. भारत की ऐसी कोई भावना नहीं है जिसमें प्रभु राम झलकते न हों. भारत की आस्था में राम हैं, भारत के आदर्शों में राम हैं! भारत की दिव्यता में राम हैं, भारत के दर्शन में राम हैं.

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राम मंदिर कैसा होगा, इसके बारे में प्रधानमंत्री ने कहा, मुझे विश्वास है कि श्रीराम के नाम की तरह ही अयोध्या में बनने वाला ये भव्य राममंदिर भारतीय संस्कृति की समृद्ध विरासत का द्योतक होगा. उन्होंने कहा, यहां निर्मित होने वाला राममंदिर अनंतकाल तक पूरी मानवता को प्रेरणा देगा. हमें ये सुनिश्चित करना है कि भगवान श्रीराम का संदेश, हमारी हजारों सालों की परंपरा का संदेश, कैसे पूरे विश्व तक निरंतर पहुंचे.

प्रधानमंत्री ने कहा, कैसे हमारे ज्ञान, हमारी जीवन-दृष्टि से विश्व परिचित हो, ये हम सबकी, हमारी वर्तमान और भावी पीढ़ियों की ज़िम्मेदारी है. राम समय, स्थान और परिस्थितियों के हिसाब से बोलते हैं, सोचते हैं, करते हैं. राम हमें समय के साथ बढ़ना सिखाते हैं, चलना सिखाते हैं. राम परिवर्तन के पक्षधर हैं, राम आधुनिकता के पक्षधर हैं. उनकी इन्हीं प्रेरणाओं के साथ, श्रीराम के आदर्शों के साथ भारत आज आगे बढ़ रहा है.

प्रधानमंत्री ने लोगों को आगाह करते हुए कहा, हमें ध्यान रखना है, जब जब मानवता ने राम को माना है विकास हुआ है, जब जब हम भटके हैं, विनाश के रास्ते खुले हैं. हमें सभी की भावनाओं का ध्यान रखना है. हमें सबके साथ से, सबके विश्वास से, सबका विकास करना है. मुझे विश्वास है, हम सब आगे बढ़ेंगे, देश आगे बढ़ेगा. भगवान राम का ये मंदिर युगों-युगों तक मानवता को प्रेरणा देता रहेगा, मार्गदर्शन करता रहेगा.

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