
अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन की एक और तारीख का विकल्प प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने भेजा गया है. राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री को भेजी गई आमंत्रण की चिट्ठी में श्रावणी पूर्णिमा के मुहूर्त का जिक्र है. अब प्रधानमंत्री कार्यालय को इस पर पीएम मोदी की उपलब्धता की जानकारी देनी है.
न्यास के एक सदस्य ने बताया कि हमारी ओर से प्रधानमंत्री को आमंत्रण भेजा गया है. तबतक कोरोना संकट भी काफी घट जाएगा. अगर इसमें कोई व्यावहारिक या तकनीकी अड़चन आएगी तो अनन्त चतुर्दशी का मुहूर्त भी विकल्प है.
वैसे अयोध्या में 18 जुलाई को राम जन्मभूमि परिसर में होने वाली न्यास की बैठक में इस बाबत और चर्चा होगी. न्यास की बैठक में मंदिर भवन निर्माण समिति में कुछ और विशेषज्ञों और वास्तुविदों को भी शामिल करने पर विचार होगा. राम जन्मभूमि परिसर में 18 जुलाई को बैठक सुबह से शाम तक तीन सत्रों में होगी.
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इससे पहले संत समाज के साथ भी विचार-विमर्श होगा, क्योंकि अब तक भूमिपूजन के मुहूर्त और तिथि निर्धारण को लेकर संतों के विचार अलग-अलग हैं.
ये तो तय माना जा रहा है कि अयोध्या में राम मंदिर के गर्भगृह में भूमिपूजन करके प्रधानमंत्री भव्य मंदिर निर्माण की विधिवत शुरुआत करेंगे. उस समारोह में पीएम के साथ केंद्रीय मंत्री भी शामिल होंगे. हालांकि अयोध्या जिला प्रशासन को अभी तक दिल्ली से कोई संकेत नहीं मिले हैं.
राम मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास ने पीएम नरेंद्र मोदी को अयोध्या दौरे के लिए पत्र लिखा था. ट्रस्ट अध्यक्ष ने यह भी लिखा था कि पीएम वर्चुअल या वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से नहीं, बल्कि स्वयं अयोध्या आएं और राम मंदिर निर्माण की नींव रखें.
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कोरोना की मौजूदा स्थिति, कई राज्यों में लॉकडाउन, चीन के साथ सीमा पर तनाव और कई राज्यों में बाढ़ के कहर को देखते हुए इस बात की संभावना कम ही है कि प्रधानमंत्री श्रावणी पूर्णिमा के मुहूर्त पर अयोध्या यात्रा के लिए तैयार हों. हालांकि साधु संतों के एक बड़े हिस्से का मानना है कि जब इतने दशक प्रतीक्षा कर ली तो देवोत्थान एकादशी तक और रुक जाया जाय तो क्या दिक्कत है.