
अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा गठित 'श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट' की बुधवार को दिल्ली में पहली बैठक हुई. ट्रस्ट की पहली बैठक में विस्तार और सुरक्षा कारणों से राम मंदिर के शिलान्यास की तारीख तय नहीं हो पाई. अब इस पर अयोध्या में 15 दिन के बाद दूसरी बैठक में मंथन होगा और राममंदिर निर्माण के प्लान और तारखी की घोषणा की जा सकती है.
दिल्ली में 'श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट' की पहली बैठक हुई, जिसमें प्रस्ताव पास करके आखिरकार रामजन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास और वीएचपी के अंतरराष्ट्रीय उपाध्यक्ष चंपत राय की एंट्री हो गई है. इसके अलावा इन दोनों लोगों को राम मंदिर ट्रस्ट में अहम जिम्मेदारी सौंपी गई है.
राम मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष बने नृत्यगोपाल दास
महंत नृत्य गोपाल दास को श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का अध्यक्ष-प्रबंधक का दायित्व सौंपा गया है. राम मंदिर आंदोलन में नृत्यगोपाल दास अहम किरदार निभाने वालों में शामिल रहे हैं. नृत्यगोपाल दास तीन दशक से लगातार मंदिर निर्माण के लिए होने वाले कार्यों में अगुवा की भूमिका निभाते रहे हैं. इनकी अगुवाई में लंबे समय से राम मंदिर निर्माण के लिए चंदा भी एकत्र किया जाता रहा है, जिसके चलते अब उन्हें अहम जिम्मेदारी सौंपी गई है.
महंत नृत्यगोपाल दास का संबंध राममंदिर से सिर्फ शीर्ष धर्माचार्य के रूप में ही नहीं बल्कि मंदिर आंदोलन के एक नायक की भूमिका में भी रहा है. उन्होंने समय-समय पर मंदिर आंदोलन की अगुवाई भी की. इसके साथ ही निचली अदालत से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक उन्होंने कानूनी लड़ाई लड़ने का काम भी किया.
चंपत राय ट्रस्ट के महासचिव
विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय उपाध्यक्ष चंपत राय को 'श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट' को ट्रस्ट में नामित किया गया और उन्हें महासचिव की जिम्मेदारी सौंपी गई है. चंपत राय को वीएचपी के कोटे से राम मंदिर ट्रस्ट में लाया गया है. चंपत राय राम मंदिर आंदोलन से जुड़े रहे हैं. फिलहाल राय अयोध्या में ही रह रहे हैं और वीएचपी के काम को विस्तार दे रहे हैं.
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हाल ही में चंपत राय ने दावा किया था कि राम मंदिर का निर्माण वीएचपी के ही मॉडल पर होगा, जिस पर मुहर लगती हुई दिखाई दे रही है. हालांकि, मॉडल में राम मंदिर की ऊंचाई के आधार पर कुछ बदलाव संभव है. विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) ने राम मंदिर के राष्ट्रव्यापी जन आंदोलन खड़ा करने में अहम भूमिका अदा की थी.
स्वामी गोविंद गिरि को कोषाध्यक्ष
स्वामी गोविंद गिरी को श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट कोषाध्यक्ष बनाया गया है. मंदिर के लिए आने वाले चंदे का और खर्चे का सारा हिसाब किताब रखेंगे. महाराष्ट्र के पुणे से ताल्लुक रखने वाले गोविंद गिरी राम मंदिर आंदोलन से लंबे समय से जुड़े रहे हैं. मोदी सरकार के द्वारा गठित किए ट्रस्ट में ट्रस्टी के तौर पर शामिल किया गया है. महाराष्ट्र के अहमद नगर में 1950 में जन्म हुआ। रामायण, श्रीमद्भगवद्गीता, महाभारत और अन्य पौराणिक ग्रंथों का देश-विदेश में प्रवचन करते हैं. स्वामी गोविंद देव महाराष्ट्र के विख्यात आध्यात्मिक गुरु पांडुरंग शास्त्री अठावले के शिष्य हैं.
नृपेंद्र मिश्रा मंदिर निर्माण समिति के चेयरमैन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी और उनके पूर्व प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्र को राम मंदिर ट्रस्ट में नामित किया गया और उन्हें मंदिर निर्माण समिति का चेयरमैन बनाया गया है. इसका मतलब साफ है कि राम मंदिर निर्माण नृपेंद्र मिश्र की निगरानी में होगा और मंदिर निर्माण से जुड़े सभी निर्णय अब वही करेंगे. ट्रस्ट की अगली बैठक में मिश्र राम मंदिर निर्माण संबंधी रिपोर्ट रखेंगे. नृपेंद्र मिश्रा 1967 बैच के आईएएस अधिकारी है और उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले से आते हैं.
राम मंदिर ट्रस्ट सरकार के प्रतिनिधि
भारत सरकार के प्रतिनिधि के रूप में अतिरिक्त सचिव गृह विभाग ज्ञानेश कुमार को श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट में सदस्य नियुक्त किया है, जो 1988 बैच के आईएएस अधिकारी हैं और केरल कैडर से हैं. इसके अलावा उत्तर प्रदेश सरकार के प्रतिनिधि के तौर पर वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अवनीश अवस्थी को ट्रस्ट में शामिल किया गया है. अयोध्या के जिलाधिकारी अनुज झा भी ट्रस्ट के सदस्य हैं, जो 2009 बैच के आईएएस अधिकारी हैं.
राम मंदिर ट्रस्ट में इनकी अहम भूमिका
राम मंदिर ट्रस्ट में के पाराशरण अहम भूमिका में है. वो सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील हैं अयोध्या मामले में 9 साल हिंदू पक्ष की पैरवी की है. ट्रस्ट का गठन पाराशरण के घर के पते पर पंजिकृत कराया गया है. इसके अलावा प्रयागराज के जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वतीजी महाराज है. जगतगुरु मध्वाचार्य स्वामी विश्व प्रसन्नतीर्थ जी महाराज है, जो कर्नाटक के उडुपी स्थित पेजावर मठ के 33वें पीठाधीश्वर हैं.
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अखंड आश्रम हरिद्वार के प्रमुख युगपुरुष परमानंद जी महाराज ट्रस्टी के रूप में शामिल हैं. वेदांत पर 150 से ज्यादा किताबें प्रकाशित हो चुकी हैं. इन्होंने साल 2000 में संयुक्त राष्ट्र में आध्यात्मिक नेताओं के शिखर सम्मेलन को संबोधित किया था.
विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्रा: अयोध्या राजपरिवार के वंशज हैं. रामायण मेला संरक्षक समिति के सदस्य और समाजसेवी.
कामेश्वर चौपाल: राम मंदिर ट्रस्ट में दलित सदस्य के तौर पर कामेश्वर चौपाल को शामिल किया है. संघ ने कामेश्वर को पहले कारसेवक का दर्जा दिया है. उन्होंने 1989 में राम मंदिर में शिलान्यास की पहली ईंट रखी थी.
महंत दिनेंद्र दास: अयोध्या के निर्मोही अखाड़े के मंहत दिनेंद्र दास प्रमुख हैं, जो राम मंदिर ट्रस्ट में शामिल हैं.
डॉ. अनिल मिश्र: होम्पयोपैथिक डॉक्टर और संघ के अवध प्रांत के कार्यवाह अनिल मिश्रा भी ट्रस्ट में शामिल हैं. मिश्रा ने 1992 में राम मंदिर आंदोलन में पूर्व सांसद विनय कटियार के साथ महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. अभी संघ के अवध प्रांत के प्रांत कार्यवाह भी हैं.